रांची: राज्य के 10 जिलों में कुछ विशेष योजनाओं की हालत खस्ता है. ये योजनाएं 13वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिली जिला नव प्रवर्तन निधि (डिस्ट्रिक्ट इन्नोवेटिव फंड) से संचालित होनी हैं. ज्यादातर जिलों में योजना का चयन व संचालन अभी होना है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये योजना एवं विकास विभाग की समीक्षा में पाया गया कि जिले राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं.
धनबाद उपायुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में मिले 73.70 लाख रुपये से एलगी से बिजली बनाने की योजना ली गयी है. एक फैब्रिकेशन कंपनी यह काम कर रही है. उसे कार्यादेश दिया जा चुका है. हजारीबाग व रामगढ़ में प्राकृतिक जल ऊर्जा व लिफ्ट एरिगेशन का काम इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि सरकार ने बगैर तेल-बिजली से चलनेवाली इस सिंचाई परियोजना में टेंडर व अन्य शर्ते जोड़ दी. यह काम नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होना था. सरकारी दखलंदाजी के बाद इस सिस्टम को ईजाद करनेवाले सेवानिवृत्त कर्नल विनय ने प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया.
कुछ विशेष योजनाएं
कुल 261 पंचायतों में तेल पेराई मशीन (चाईबासा), एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट व प्रकृतिक जब ऊर्जा सिस्टम (हजारीबाग), प्राकृतिक जल ऊर्जा सिस्टम (रामगढ़) तथा धृत कुमारी व जैम प्रोजेक्ट (चतरा).