सरकार ने मापतौल विभाग को कृषि विभाग से अलग कर दिया
रांची : राज्य सरकार ने कई विभागों को मिला कर एक कर दिया है. कृषि के साथ सहकारिता और पशुपालन को जोड़ दिया गया है. कृषि विभाग का गठन एक्ट से हुआ है. देश में केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा और कृषि विभाग का गठन ही एक्ट के माध्यम से हुआ है. कृषि विभाग का एक्ट आजादी से पहले 1935 में बना था. इसे सदन से पास कराया गया था.
इसमें 1982 में संशोधन हुआ. इसमें विभाग के तहत संचालित कई इकाइयों को हटा दिया गया. जब कृषि विभाग के कृषि विश्वविद्यालय को अलग किया गया, तो कई अन्य इकाइयों को सदन की अनुमित से हटा दिया गया. अभी सरकार ने मापतौल विभाग को कृषि विभाग से अलग कर दिया है. मापतौल विभाग का जिक्र कृषि सेवा की आठवीं कैटगरी में है. इसे कृषि विभाग से एक्ट में संशोधन कर ही हटाया जा सकता है. वर्तमान सरकार ने केवल एक अधिसूचना निकाल कर इसे कृषि विभाग से अलग कर दिया है. कृषि विभाग की माप तौल इकाई में मार्केटिंग बोर्ड भी आता है.
करीब 30 कर्मी हैं मापतौल में
माप तौल में अभी करीब 30 कर्मचारी ॅॅकाम कर रहे हैं. इसमें पांच क्लास टू रैंक के अफसर हैं. 17 इंस्पेक्टर हैं. अन्य कर्मचारी हैं. इसके अतिरिक्त सभी जिलों में संसाधन हैं. इनकी सेवा किस विभाग में जायेगी, यह तय नहीं है. अधिकारियों की सेवा का समायोजन कृषि विभाग में होगा, तो वरीयता सूची में सबसे नीचे पायदान पर होंगे.
गन्ना विकास विभाग का भी जिक्र नहीं
विभागीय अधिसूचना में कहीं गन्ना विकास विभाग का जिक्र नहीं किया गया है. इससे गन्ना विकास विभाग के अस्तित्व पर भी सवाल उठ रहा है. इसमें पदस्थापित अधिकारियों या कर्मचारियों का क्या होगा स्पष्ट नहीं है. संयुक्त बिहार के समय कृषि के अतिरिक्त गन्ना का अलग विभाग था.