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गरीबों को मिलेगा ई-रिक्शा

निर्णय : जिला स्तरीय अनुसूचित जनजाति विकास परिषद के गठन का फैसला रांची : कैबिनेट ने वैसे रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा देने का फैसला लिया है, जिनके पास अपना रिक्शा नहीं है. जिला स्तरीय अनुसूचित जनजाति (एसटी) विकास परिषद के गठन का फैसला किया. 80 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले एसटी गांव को विकसित करने […]

निर्णय : जिला स्तरीय अनुसूचित जनजाति विकास परिषद के गठन का फैसला
रांची : कैबिनेट ने वैसे रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा देने का फैसला लिया है, जिनके पास अपना रिक्शा नहीं है. जिला स्तरीय अनुसूचित जनजाति (एसटी) विकास परिषद के गठन का फैसला किया. 80 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले एसटी गांव को विकसित करने का निर्णय लिया है.
स्कूली छात्र-छात्राओं को एलइडी स्टडी लैंप, जूता-मोजा आदि उपलब्ध कराने के लिए 342 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी. कैबिनेट ने देवघर में मृतक कावंरियों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दो मिनट का मौन रखा.
कैबिनेट ने झारखंड रिक्शा चालक गरिमा योजना की स्वीकृति दी है. योजना का उद्देश्य रिक्शा चालकों के जीवन स्तर एवं आर्थिक स्थिति में सुधार के अलावा पर्यावरण संरक्षण है. योजना के तहत वैसे रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा दिया जायेगा, जिनके पास अपना रिक्शा नहीं है. इस योजना के लिए 6.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी. लाभुकों का चयन नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा.
जिला परिवहन पदाधिकारी या माेटरयान निरीक्षक चयन समिति के सदस्य होंगे. स्थानीय निकायों के अभियंता भी इस समिति के सदस्य होंगे. रिक्शा चालक संघ के प्रतिनिधि चयन समिति के आमंत्रित सदस्य होंगे. योजना का लाभ लेने के लिए रिक्शा गैरेज से सत्यापित या रिक्शा चालक संघ के पंजी से सत्यापित या वैसे एनजीओ से प्रमाण पत्र देना होगा, जिन्हें इस क्षेत्र में कम से कम तीन साल के कार्य का अनुभव हो.
कैबिनेट ने जिला स्तरीय अनुसूचित जनजाति विकास परिषद बनाने का फैसला किया. जिले के उपायुक्त इस परिषद के अध्यक्ष होंगे. सांसद व क्षेत्र के विधायक इसके सदस्य होंगे. जन जातीय समुदाय के मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि परिषद के सदस्य होंग. इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडी) के परियोजना निदेशक परिषद के सदस्य सचिव होंगे.
परिषद का काम स्थल भ्रमण कर योजनाओं का निरीक्षण करना, कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करना, कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे आवासीय, आश्रम, एकलव्य विद्यालय का निरीक्षण करना होगा. परिषद छात्र-छात्राओं के बीच बांटे जाने वाले जूता-मोजा सहित अन्य सामग्रियों की जांच करेगा. परिषद के सदस्य मेसो अस्पतालों का निरीक्षण कर सरकार को इससे संबंधित प्रतिवेदन भी देंगे.
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्राम विकास योजना को स्वीकृति दी. इस योजना के तहत 80 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले एसटी गांवों को पांच वर्षों में विकसित किया जायेगा. राज्य में ऐसे गांवों की कुल संख्या 5755 है. गांवों के पांच शिक्षित (10वीं पास) बेरोजगार युवक-युवतियों का चयन किया जायेगा. साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दो लाख रुपये या रोजगार शुरु करने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराया जायेगा. एक हजार महिला स्वयं सहायता समूहों कुल 10 करोड़ रुपय दिये जायेंगे.
योजना की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री और विकास आयुक्त की अध्यक्षता में अलग-अलग कमेटियां बनायी जायेगी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी में मुख्य सचिव, वित्त सचिव, कल्याण सचिव, स्वास्थ्य सचिव सदस्य होंगे. इस कमेटी की बैठक छह माह में एक बार होगी. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी में योजना सचिव, कल्याण सचिव, स्वास्थ्य सचिव और कृषि सचिव सदस्य होंगे. आदिवासी कल्याण आयुक्त इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे. वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1000, वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1200, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1200, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1200 और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1155 गांवों को विकसित करने का लक्ष्य है.
कैबिनेट के अन्य फैसले
विश्वविद्यालय के शिक्षक संवर्ग, नगरपालिका का सहायक नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, विशेष पदाधिकारी, अभियंता आदि की प्रोन्नति अब झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी.
फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने सहित अन्य अनियमितताओं के आरोप में रेंजर सुदामा प्रसाद सिंह को बरखास्त करने का फैसला.
नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग का केंद्र स्थापित करने के लिए कांके के सांगा मौजा में पांच-पांच एकड़ जमीन देने का फैसला.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सत्र व व्यवहार न्यायालयों में कार्यरत तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए शेट्टी कमीशन की अनुशंसा एक अप्रैल 2003 से लागू करने का फैसला.
शराब की बोतलों पर लगने वाले होलोग्राम को छापने का काम नासिक स्थित सरकारी प्रेस को दिया जायेगा.
बिजली बोर्ड के बिखंडन के बाद बनी चारो कंपनियों में अध्यक्ष, निदेशक आदि के चयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सर्च कमेटी के गठन का फैसला. विकास आयुक्त, वित्त सचिव, कार्मिक सचिव, ऊर्जा सचिव कमेटी के सदस्य होंगे. अध्यक्ष या निदेशकों का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा. सरकार इन्हें पांच साल तक सेवा विस्तार कर सकेगी.
स्कूली छात्र-छात्राओं को एलइडी, सोलर स्टडी लैंप उपलब्ध कराने के लिए 32 करोड़ रुपया का अनुदान. 10वीं कक्षा, कस्तुरबा बालिका विद्यालय, एसटी, एससी, ओबीसी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले 3.20 लाख छात्रों को योजना का लाभ मिलेगा.
रामविलास सिन्हा और प्रमोद कुमार सिन्हा अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता में प्रोन्नत.
कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले 49.50 लाख छात्र-छात्राओं को बैग, जूता-मोजा, स्कूल किट आदि उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग को 310 करोड़ रुपये का अनुदान. योजना का लाभ वैसे छात्र-छात्राओं को मिलेगा, जिसकी उपस्थिति कम से कम 50 प्रतिशत हो.

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