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मूल्यांकन में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों का सार्वजनिक होगा नाम

शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए जैक भेजेगा पत्र, छात्रों के भविष्य से खेलनेवाले होंगे ब्लैक लिस्टेड इन शिक्षकों को आगे कभी भी मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जायेगा रांची : मूल्यांकन में अंकों के योग में गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों का नाम जारी किया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने ऐसे शिक्षकों का नाम सार्वजनिक करने […]

शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए जैक भेजेगा पत्र, छात्रों के भविष्य से खेलनेवाले होंगे ब्लैक लिस्टेड
इन शिक्षकों को आगे कभी भी मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जायेगा
रांची : मूल्यांकन में अंकों के योग में गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों का नाम जारी किया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने ऐसे शिक्षकों का नाम सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने मूल्यांकन में अंकों के योग में गड़बड़ी की थी. ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार कर ली गयी है.
जैक अपने स्तर से शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड करेगा. इन शिक्षकों को आगे कभी भी मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों की लिस्ट मानव संसाधन विकास विभाग को भी भेजने की तैयारी कर रहा है.
शिक्षा विभाग के माध्यम से शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई का आग्रह किया जायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा प्रति वर्ष ऐसे शिक्षकों पर अपने स्तर से कार्रवाई की जाती है. शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. इसके बाद भी कुछ शिक्षक मूल्यांकन को गंभीरता से नहीं लेते. मूल्यांकन केंद्र निदेशक को प्रति वर्ष जैक द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
इसके बाद भी प्रति वर्ष ऐसे विद्यार्थी फेल हो जाते हैं, जो पास होने योग्य रहते हैं. मेडिकल-इंजीनियरिंग में तो सफल रहते हैं, पर इंटरमीडिएट में शिक्षकों की लापरवाही के कारण असफल हो जाते हैं. इस कारण उनका नामांकन तक नहीं होता. इस वर्ष भी लगभग आधे दर्जन से अधिक विद्यार्थी, जो अलग-अलग मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा में सफल हुए थे, उन्हे शिक्षकों की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा. अंकों के सही योग नहीं करने व मूल्यांकन में लापरवाही के कारण विद्यार्थी फेल हो गये. जब तक उनका रिजल्ट मिला तब तक कई कॉलेजों में नामांकन हो गया था.
इंटर में कम हो रहा है स्क्रूटनी का मामला
इंटर में स्पेशल स्क्रूटनी के लिए आवेदन देने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में कमी हो रही है. वर्ष 2012 में 517, वर्ष 2013 में 400, वर्ष 2014 में 238 विद्यार्थियों ने स्पेशल स्क्रूटनी के लिए आवेदन जमा किया था. वर्ष 2015 में मात्र 142 विद्यार्थियों ने स्पेशल स्क्रूटनी का आवेदन जमा किया. स्पेशल स्क्रूटनी के तहत वैसे विद्यार्थी आवेदन जमा करते हैं, जो इंजीनियरिंग-मेडिकल परीक्षा में तो पास रहते हैं, पर इंटर में फेल हो जाते हैं.
एक माह के अंदर होती है कार्रवाई
इंटर के रिजल्ट जारी होने के बाद जल्द से जल्द जैक द्वारा अभ्यर्थियों से स्पेशल स्क्रूटनी के लिए आवेदन मांगा जाता है. मूल्यांकन केंद्रों से उत्तर पुस्तिका मंगायी जाती है. मेडिकल-इंजीनियरिंग परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को काउंसलिंग से पहले स्क्रूटनी कर उनका रिजल्ट देने का प्रयास किया जाता है, जिससे कि उनका नामांकन हो जाये. फिर भी कई बार उत्तर पुस्तिका खोजने में विलंब होता है, जिससे समय पर रिजल्ट नहीं जारी हो पाता है.

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