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पेड़ कटाई मामले में समिति के सदस्यों ने दी अलग-अलग रिपोर्ट

मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगीमामला राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पेड़ कटाई कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राज मार्गों के किनारे पेड़ कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि सड़कों के किनारे […]

मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगीमामला राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पेड़ कटाई कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राज मार्गों के किनारे पेड़ कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की कटाई गंभीर मामला है. कहा कि इस पर लगातार मॉनीटरिंग होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा गठित पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति के सदस्यों की ओर से रिपोर्ट पेश की गयी. समिति के सदस्य रिटायर्ड आइएफएस अधिकारी नरेंद्र मिश्रा व समिति के चार अन्य सदस्यों ने अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की है. इसे देखते हुए खंडपीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तिथि निर्धारित की. साथ ही रिपोर्ट की प्रति संबंधित पक्षों को देने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राज मार्गों व डोरंडा से बिरसा चौक तक सड़क के किनारे सैकड़ों पेड़ काटने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया था. स्थल जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति भी बनायी थी. जानकारी के अनुसार समिति के एक सदस्य श्री मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि यह क्षेत्र प्रतिबंधित वन क्षेत्र में आता है. इसलिए पेड़ नहीं काटा जा सकता है. स्थानीय स्तर पर पेड़ काटने की अनुमति देना अपराध है. इसके लिए अलग से प्रक्रिया निर्धारित है. उस प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया है.

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