रांची : पहाड़ों के गायब होने व हजारीबाग में माइनिंग की वजह से हो रहे प्रदूषण मामले में खान व भूतत्व विभाग और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गयी है. विभाग के सचिव व बोर्ड के सदस्य सचिव को उपस्थित होकर इस मामले में की गयी कार्रवाई की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है.
मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है. उक्त निर्देश झारखंड हाइकोर्ट ने दिया है.चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई थी. खंडपीठ ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव की ओर से दाखिल शपथ पत्र अधूरा है. उसमें क्या कदम उठाया गया है, स्पष्ट नहीं है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 2057 माइनिंग लीज दिये गये हैं, इसमें से 261 माइनिंग प्लान अनुमोदित हैं तथा 135 लीज को इंवायरमेंटल क्लियरेंस स्वीकृत किया गया है. माइनिंग प्लान अनुमोदन व इंवायरमेंटल क्लियरेंस के बिना चल रहे माइनिंग लीज की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी देने को कहा गया है.
गौरतलब है कि प्रार्थी अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने जनहित याचिका दायर कर हजारीबाग में स्टोन माइनिंग से हो रहे प्रदूषण को रोकने का आग्रह किया है. वहीं, राज्य के विभिन्न जिलों में पहाड़ों के गायब होने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो रही है.