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50 करोड़ की योजनाओं पर सचिव ने लगायी रोक

पुरानी योजनाओं के नाम पर राशि का आवंटन शकील अख्तर रांची : पेयजल स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने गड़बड़ी की आशंकाओं के मद्देनजर 50 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित जलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने कुछ योजनाओं के पुनर्वैधीकरण (रिवेलीडेशन) आदेश को रद्द कर कर दिया है, जबकि कुछ योजनाओं के […]

पुरानी योजनाओं के नाम पर राशि का आवंटन
शकील अख्तर
रांची : पेयजल स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने गड़बड़ी की आशंकाओं के मद्देनजर 50 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित जलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने कुछ योजनाओं के पुनर्वैधीकरण (रिवेलीडेशन) आदेश को रद्द कर कर दिया है, जबकि कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. मुख्य अभियंता द्वारा अत्याधिक पुरानी योजनाओं के नाम पर राशि आवंटित करने का मामला पकड़ में आने के बाद सचिव ने यह कदम उठाया है.
विभाग ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में केंद्र प्रायोजित नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत स्वीकृत राशि में से 93.69 करोड़ रुपये खर्च नहीं किया था. विभागीय सचिव ने इस राशि को चालू वित्तीय वर्ष(2015-16) में खर्च करने की स्वीकृति दी थी. उन्होंने 2014-15 में स्वीकृत योजनाओं पर इस राशि को खर्च करने की शर्त लगा दी थी.
मुख्य अभियंता ही एनआरडीडब्ल्यूपी के कार्यपालक पदाधिकारी होते हैं. इसलिए सचिव ने योजनाओं के लिए राशि की स्वीकृति का अधिकार मुख्य अभियंता रमेश कुमार को सौंप दिया था. पर, मुख्य अभियंता ने 2014-15 के बदले 2010-13 तक की पुरानी योजनाओं पर राशि खर्च करने का आदेश दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद सचिव ने 50 करोड़ रुपये की योजनाओं के क्रियान्वयन पर पाबंदी लगा दी है.
मुख्य अभियंता ने प्रति पंचायत 10-10 नलकूप लगाने की योजना के लिए 380.70 लाख रुपये रिवैलीडेट कर दिया था. सचिव ने इसे रद्द कर दिया है. साथ ही यह टिप्पणी भी की है कि इस योजना को 2011 तक पूरा करना था. इसलिए अब इसके लिए राशि आवंटित करने का औचित्य नहीं है.
योजना को अब तक पूरा नहीं कर पाना लापरवाही का नमूना है. इसी तरह उन्होंने 2012-13 और 2013-14 में स्वीकृत पुराने चापानलों के बदले नये चापानल लगाने के लिए 17.86 करोड़ रुपये के पुनर्वैधीकरण को रद्द कर दिया है. सचिव ने सड़े हुए पाइप को बदलने की पुरानी योजनाओं पर भी रोक लगा दी है.
ग्रामीण स्कूलों में नलकूप लगाने की योजना पर भी नवंबर 2015 के बाद राशि खर्च करने पर पाबंदी लगा दी गयी है. इस सिलसिले में जारी आदेश में यह कहा गया है कि पेयजल के जामताड़ा, धनबाद, तेनुघाट, चतरा, मधुपुर, गोड्डा, झुमरीतिलैया, रामगढ़, आदित्यपुर प्रमंडलों में काम पूरा कर लिया गया है. विभाग के शेष प्रमंडलों को स्कूलों में नलकूप लगाने का काम नवंबर तक पूरा करने का आदेश दिया है. जिन क्षेत्रों में लघु ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं का काम शुरू नहीं हुआ है, उन्हें नहीं शुरू करने का आदेश दिया गया है.
मुख्य अभियंता ने प्रति पंचायत 10-10 नलकूप लगाने की योजना के लिए 380.70 लाख रुपये रिवैलीडेट कर दिया था. सचिव ने इसे रद्द कर दिया है. साथ ही यह टिप्पणी भी की है कि इस योजना को 2011 तक पूरा करना था. इसलिए अब इसके लिए राशि आवंटित करने का औचित्य नहीं है.

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