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सरकार देगी निजी स्कूलों के बीपीएल बच्चों की फीस, दिये जायेंगे 9.28 करोड़

रांची: निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों की फीस सरकार ने तय कर दी है. एक बीपीएल बच्चे का वर्ष भर का शिक्षण शुल्क 5100 रुपये निर्धारित किया गया है. राज्य के निजी स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के 8231 बच्चे पढ़ रहे हैं. इनके शुल्क के रूप में सरकार 9,28,35,300 रुपये निजी स्कूलों को […]

रांची: निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों की फीस सरकार ने तय कर दी है. एक बीपीएल बच्चे का वर्ष भर का शिक्षण शुल्क 5100 रुपये निर्धारित किया गया है. राज्य के निजी स्कूलों में बीपीएल श्रेणी के 8231 बच्चे पढ़ रहे हैं. इनके शुल्क के रूप में सरकार 9,28,35,300 रुपये निजी स्कूलों को देगी. बच्चों के शुल्क की 65 फीसदी राशि केंद्र सरकार व 35 फीसदी राशि राज्य सरकार देगी. बच्चों के शुल्क के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा झारखंड शिक्षा परियोजना को राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
जिला शिक्षा अधीक्षक को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. केंद्र सरकार 6,03,42,945 व राज्य सरकार 3,24,92,355 रुपये देगी. प्रतिमाह की दर से एक बच्चे के लिए सरकार निजी स्कूल को 425 रुपये देगी. राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है. शिक्षा के अधिकार अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में इंट्री क्लास की कुल सीट में से 25 फीसदी सीट पर बीपीएल बच्चों का नामांकन लेना है. इनकी फीस सरकार देगी. निजी स्कूलों में वर्ष 2011 से बीपीएल बच्चों का नामांकन लिया जा रहा था, पर शुल्क निर्धारण नहीं होने के कारण अब तक स्कूलों के बीपीएल बच्चों की फीस नहीं दी गयी थी. शुल्क नहीं मिलने के कारण स्कूल भी गरीब बच्चों का नामांकन लेने से कतराते थे.
अब केंद्र सरकार देगी राशि
राज्य सरकार द्वारा शुल्क निर्धारण नहीं किये जाने के कारण केंद्र सरकार ने इस मद में राशि देने से इनकार कर दिया था. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जब भी इस मद में राशि की मांग की गयी थी, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य द्वारा जब तक शुल्क का निर्धारण नहीं होता, तब तक इस मद में राशि नहीं दी जा सकती.
नियम के अनुरूप नामांकन नहीं
शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी राज्य के निजी स्कूल बीपीएल बच्चों का नामांकन लेने से आनाकानी करते हैं. प्रावधान के अनुरूप स्कूल के इंट्री क्लास में कुल सीट का 25 फीसदी पर बीपीएल बच्चों का नामांकन लेना है. राजधानी के अधिकांश निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों का नामांकन प्रावधान के अनुरूप नहीं लिया गया है.
कब कितना नामांकन
राज्य में सबसे अधिक बीपीएल बच्चों का नामांकन वर्ष 2013-14 में हुआ था. वर्ष 2013-14 में 3398 बच्चों का नामांकन हुआ था. जबकि सबसे कम नामांकन वर्ष 2011-12 में हुआ. वर्ष 2011-12 में 692 बच्चों का नामांकन लिया गया था.
राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बीपीएल बच्चों का शुल्क तय कर दिया है. सरकार द्वारा फीस तय किये जाने के बाद केंद्र सरकार से भी इसके लिए राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है. फीस निर्धारित होने से निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन में तेजी आयेगी. निजी स्कूल निर्धारित मापदंड के अनुरूप बीपीएल बच्चों का नामांकन लें. डॉ नीरा यादव, शिक्षा मंत्री

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