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स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन प्रोग्राम में उद्यमियों से ली गयी राय
रांची : उद्योग विभाग द्वारा तीन नयी नीतियों के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, जिस्ेामें पशु आहार उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और औद्योगिक पार्क की स्थापना की नीति का प्रारूप है. इस प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए विभाग द्वारा मंगलवार को उद्यमियों से राय ली गयी. होटल बीएनआर में स्टेकहोल्डर कंसलटेशन प्रोग्राम आयोजित […]
रांची : उद्योग विभाग द्वारा तीन नयी नीतियों के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं, जिस्ेामें पशु आहार उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और औद्योगिक पार्क की स्थापना की नीति का प्रारूप है. इस प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए विभाग द्वारा मंगलवार को उद्यमियों से राय ली गयी. होटल बीएनआर में स्टेकहोल्डर कंसलटेशन प्रोग्राम आयोजित किया गया. इसमें कई उद्यमियों ने हिस्सा लिया.
विभाग द्वारा झारखंड फीड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी-2015, झारखंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी-2015, झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क ऑपरेशनलाइजेशन प्रोसिडय़ूर -2015 का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
पशु आहार उद्योगों को बढ़ावा देगी सरकार
झारखंड फीड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी-2015 राज्य में पशु आहार उद्योगों के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. सरकार मानती है कि फिशरीज, पोल्ट्री, पशुपालन, डेयरी, मीट, पोर्क की यहां अपार संभावना है.
इसके उद्योग न केवल स्थानीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, बल्कि निर्यात की संभावना भी है. झारखंड सरकार कृषि व इससे जुड़े उद्योगों को विकसित करना चाहती है. सरकार ऐसे उद्योगों के लिए आधारभूत संरचना, कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन, तकनीकी अपग्रेडेशन, वित्तीय अनुदान, निर्यात प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं देगी.
ऐसे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट लेवल इंपावर्ड कमेटी का भी प्रावधान किया गया है. सरकार द्वारा ऐसे उद्योगों के लिए 35 से 40 प्रतिशत तक ग्रांट देने का प्रावधान किया गया है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देगी सरकार
झारखंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पॉलिसी-2015 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य में लगे, इसके लिए कई प्रावधान किये गये हैं.
किसानों की आय वृद्धि हो, इसके लिए यह नीति लायी गयी है. इसमें माइनर वनोत्पाद को भी शामिल किया गया है. ऐसे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचना, वित्तीय अनुदान व अन्य कई प्रावधान सरकार ने किये हैं. इसके लिए भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट लेवल इंपावर्ड कमेटी होगी. उद्योग लगाने के लिए इसी कमेटी की मंजूरी लेनी होगी. इस उद्योग के लिए भी 35 से 40 फीसदी तक अनुदान का प्रावधान रखा गया है.
प्राइवेट औद्योगिक पार्क को विकसित करेगी सरकार
झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क ऑपरेशनलाइजेशन प्रोसिडय़ूर-2015 के तहत राज्य सरकार प्राइवेट औद्योगिक पार्क को भी विकसित करना चाहती है.
सरकार आपरेल फाइबल एंड टेक्सटाइल पार्क, आइटी पार्क, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, जेम्स ज्वेलरी पार्क, बायो टेक हर्ब्स पार्क, केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल पार्क, फूड पार्क, ऑटोमोबाइल वेंडर एंसेलरी इंडस्ट्रीज पार्क के अलावा सेरामिक, प्लास्टिक, नालेज पार्क व फिल्म सिटी बनाना चाहती है. इसके लिए एसपीवी बनाने का प्रावधान है. इंडस्ट्रियल पार्क कैसा होगा, इसके लिए गाइडलाइन भी तैयार की गयी है. प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए मास्टर प्लान की अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है.
इंडस्ट्रियल पार्क के लिए एसपीवी बना कर भूमि का आवंटन किया जायेगा. 30 वर्षो की लीज पर भूमि आवंटित की जायेगी. बिना एसपीवी की अनुमति के भूमि का हस्तांतरण नहीं करने का प्रावधान है. इंडस्ट्रियल पार्क के लिए भी 40 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है.
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