एजेंसियां, चंडीगढ़प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की मुहिम को सिरे चढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार अब उन गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शेगी, जो गर्भपात करवाने के लिए लिंग जांच कराती हैं. ऐसी महिलाओं के कृत्य को सरकार अपराध की श्रेणी में रखेगी. मुकदमा दर्ज करते समय ऐसी माताओं के खिलाफ पूरी मजबूती से केस भी तैयार होगा.हरियाणा सरकार को यह ताकत अंबाला न्यायालय के एक ताजा फैसले से मिली है, जिसमें एक गर्भवती महिला को अदालत ने दो साल की सजा सुनायी है. हरियाणा में यह पहला मामला है, जब इस तरह की किसी महिला को सजा सुनायी गयी है. इसके अलावा भिवानी में भी सरकार ने एक ऐसा ही केस दर्ज करवाया है. इसमें स्वास्थ्य विभाग की एक एएनएम भी शामिल थी. एएनएम एक बिचौलिये के साथ किसी अन्य व्यक्ति की दुकान में जांच का काम करती थी. इस मामले में अधिकारियों ने तीनों ही लोगों को अदालत में तलब किया है. मसलन, ऐसे कृत्य में दूर-दूर तक भी यदि किसी व्यक्ति की संलिप्तता पायी जायेगी तो उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होगी.यह है मामला’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक नौ जुलाई 2012 को बनूड़ की रहने वाली एक महिला ने इस धंधे में संलिप्त दलाल गगनदीप से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए संपर्क किया. गगनदीप उसे अंबाला लाया और आरोपी पंकज गुप्ता की पोर्टेबल मशीन से जसपाल नाम के व्यक्ति से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए घटनास्थल पर ले गया. उसी समय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर इन पर पीएनडीटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया. मंगलवार को इस मामले में अंबाला कोर्ट ने गर्भवती महिला सहित तीनों आरोपियों को दो साल की सजा सुनायी है.
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अब लिंग जांच करानेवाली मां को भी होगी सजा
एजेंसियां, चंडीगढ़प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की मुहिम को सिरे चढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार अब उन गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शेगी, जो गर्भपात करवाने के लिए लिंग जांच कराती हैं. ऐसी महिलाओं के कृत्य को सरकार अपराध की श्रेणी में रखेगी. मुकदमा दर्ज करते समय ऐसी माताओं के […]
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