रांची: राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से आह्वान किया है कि वे कर्ज देने में उदारता बरतें, उदासीनता नहीं. राज्यपाल गुरुवार को रांची में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 43वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा: राष्ट्रीय औसत की तुलना में झारखंड में अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को बैंकों से कर्ज नहीं मिलता है.
बैंकों का यह दायित्व है कि शिक्षा के क्षेत्र में गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दिये जानेवाले कर्ज समय पर मिले. उन्होंने शिक्षा के लिए विशेष फंड बनाने की बातें कहीं. राज्यपाल डॉ अहमद ने कहा कि राज्य के कई मेधावी और गरीब बच्चे रुपये के अभाव में उच्चतर शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में ऋण-जमा अनुपात की दर काफी कम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. शिक्षा से वंचित लोगों को भी बैंकिंग का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करना जरूरी है. चिट फंड कंपनियों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि चिट फंड कंपनियां गरीबों के बेवकूफ बना कर पैसा कमा रही हैं. उन्होंने कहा कि चिट फंड कंपनियां, सहकारिता संस्थान बैंकिंग करने नहीं आती हैं. कर्ज लेनेवाली कंपनियों को समय पर ऋण की राशि लौटानी चाहिए. मौके पर प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, सरदार त्रलोचन सिंह, विकास आयुक्त एके सरकार, वित्त सचिव, उद्योग सचिव, ग्रामीण विकास सचिव व कृषि सचिव समेत अन्य उपस्थित थे.