त्र वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करेंसी पेपर के घरेलू संयंत्र का किया उदघाटनहोशंगाबाद. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां नोट छपाई के लिए घरेलू कागज उत्पादन के नये संयंत्र का उदघाटन किया. उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत का प्रतीक है. इससे यह तय होगा कि उच्च मूल्य वर्ग के नोट भी देश में निर्मित कागज पर ही छापे जायें. मंत्री ने कहा कि वर्तमान में उच्च मूल्य वर्ग के नोट आयातित कागज पर छापे जाते हैं. हालांकि, इसमें जिस स्याही का उपयोग होता है, वह देश में ही बनायी जाती है. भारत प्रतिभूति कागज मिल (एसपीएम) की इस इकाई की सालाना कागज उत्पादन क्षमता 6,000 टन होगी. हालांकि, वित्त मंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत मध्य प्रदेश से हो रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हाल की अनेक पहलों के बाद मध्य प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रह गया है. जेटली ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि और बुनियादी ढांचा प्रोत्साहन की दिशा में अच्छी प्रगति की है. इसे अब उद्योग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. साथ ही, उन्होंने राज्य की विनिर्माण गतिविधियों को और प्रोत्साहित करने की मांग पर विचार करने का भी वादा किया. होशंगाबाद को कई दशक पहले मोरारजी देसाई ने नोट मुद्रण के लिए कागज उत्पादन केंद्र के तौर पर चुना था, जो तत्कालीन वित्त मंत्री थे और बाद में प्रधानमंत्री बने. हालांकि, जेटली ने कहा कि यहां से कम मूल्य वाले मुद्रा नोट के लिए कागज का उत्पादन होता रहा है.
अब घर में ही बनेगा नोट छापनेवाला कागज
त्र वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करेंसी पेपर के घरेलू संयंत्र का किया उदघाटनहोशंगाबाद. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां नोट छपाई के लिए घरेलू कागज उत्पादन के नये संयंत्र का उदघाटन किया. उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत का प्रतीक है. इससे यह तय होगा कि उच्च मूल्य […]
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