Advertisement
चिटफंड मामले में संयुक्त कार्रवाई का फैसला
रांची : नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी और जालसाजी के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के गवर्नर डॉ रघुराम राजन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने और इ-पेमेंट और इ-रिसिट के सहारे वित्तीय प्रबंधन […]
रांची : नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी और जालसाजी के खिलाफ संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) के गवर्नर डॉ रघुराम राजन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने और इ-पेमेंट और इ-रिसिट के सहारे वित्तीय प्रबंधन को और ज्यादा पारदर्शी बनाने का फैसला लिया गया.
मुंबई में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में नन बैंकिंग कंपनियों, सहकारी बैंकों और वित्तीय प्रबंधन के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया. नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही जालसाजी और धोखाधड़ी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान यह पाया गया कि पूर्वोत्तर राज्यों में इसका सर्वाधिक प्रभाव है.
नन बैंकिंग कंपनियां लोगों को प्रलोभन दे कर धोखा दे रही हैं. नन बैंकिंग कंपनियों को रेगुलेट करने के लिए बने नियम कानून में अलग-अलग संस्थाओं को अलग-अलग तरह की शक्तियां दी गयी हैं.
कुछ मामलों में आरबीआइ को, कुछ में सेबी को, कुछ में प्रवर्तन निदेशालय और कुछ में राज्य सरकार को इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है. इसलिए बैठक में नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही जालसाजी के मामलों में इन सभी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का फैसला किया गया. विचार विमर्श के दौरान यह भी पाया गया कि ‘डिपॉजिट’ की वर्तमान परिभाषा में कुछ खामियां हैं.
नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा इसका लाभ उठाया जाता है. इसलिए ‘डिपॉजिट’ को नये सिरे से परिभाषित किया जाये, ताकि इसमें नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा जमा लेने के लिए अपनाये जानेवाले तरीकों को शामिल किया जा सके. सेबी ने जोनल लेबल पर वेबसाइट बना कर नन बैंकिंग कंपनियों के सिलसिले में विस्तृत जानकारी देने की बात कही.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement