17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव सीधे जनता करेः मरांडी

रांची: झारखंड विकास मोर्चा :प्र: के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज यहां मांग की कि देश के लोकतंत्र में इस तरह का बदलाव आवश्यक है कि यहां प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों का चुनाव सीधे देश और राज्य के मतआताओं द्वारा किया जाये. बाबूलाल मरांडी ने आज यहां 2014 के लोकसभा चुनावों […]

रांची: झारखंड विकास मोर्चा :प्र: के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज यहां मांग की कि देश के लोकतंत्र में इस तरह का बदलाव आवश्यक है कि यहां प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों का चुनाव सीधे देश और राज्य के मतआताओं द्वारा किया जाये. बाबूलाल मरांडी ने आज यहां 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए यह बात कही.

मरांडी ने कहा, ‘‘हम इस विचार को देश की जनता के समक्ष विचारार्थ रखेंगे जिससे जिस किसी को इस पद पर न बैठा दिया जाये.’’ मरांडी ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल वह अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव की पूरी प्रणाली को ही यहां लागू किये जाने के पक्षधर नहीं हैं लेकिन एक बार उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सीधे जनता से चुने जाने के सुझाव को यदि स्वीकार किया जाता है तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में और बदलाव के बारे में सोचा जा सकता है.

भूमि अधिग्रहण का कानून का विरोध

झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संसद में द्वारा हाल में पारित भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध किया और कहा कि किसानों और रैयत को भूमि के बदले भूमि दिये जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी पार्टी का 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र जारी करते हुए यह बात कही.

मरांडी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी नये भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करती है क्योंकि इसमें भी किसानों और रैयत के हितों की पूरी रक्षा की व्यवस्था नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के विचार के लिए बनी संसदीय समिति में वह भी थे और उन्होंने समिति में भी इस बात को मजबूती से रखा था कि किसानों और रैयत को भूमि अधिग्रहण की स्थिति में भूमि ही मुआवजे के रुप में दी जानी चाहिए. मरांडी ने कहा, ‘‘इस विधेयक का लाभ नोएडा, गुड़गांव, हैदराबाद, बंगलोर को तो हो सकता है लेकिन आदिवासी क्षेत्रों को इससे लाभ नहीं होगा. लिहाजा हम इसका विरोध करते हैं.’’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें