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उग्रवाद प्रभावित इलाकों में लटका विकास का काम

रांची : राज्य के सात नक्सल प्रभावित जिलों में 100 करोड़ रुपये लागत की ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं. इन जिलों में हजारीबाग,लातेहार,धनबाद, लातेहार, बोकारो,रामगढ़ और गुमला का नाम शामिल है. सरकार ने इन जिलों में पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए दो से 11 बार तक टेंडर निकाला, लेकिन किसी भी […]

रांची : राज्य के सात नक्सल प्रभावित जिलों में 100 करोड़ रुपये लागत की ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं. इन जिलों में हजारीबाग,लातेहार,धनबाद, लातेहार, बोकारो,रामगढ़ और गुमला का नाम शामिल है.
सरकार ने इन जिलों में पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए दो से 11 बार तक टेंडर निकाला, लेकिन किसी भी ठेकेदार ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया. राज्य के इन सात जिलों में 20 ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जाना है. इसके लिए टेंडर निकाला जा रहा है, लेकिन ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं.
विभागीय आंकड़ों के अनुसार गुमला जिले के पालकोट पेयजलापूर्ति योजना के लिए 11 बार टेंडर निकाला गया. हजारीबाग जिले में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं के लिए भी पांच-पांच बार टेंडर निकला, लेकिन टेंडर में कोई शामिल नहीं हुआ. हजारीबाग जिले में करीब 5.5 करोड़ की लागत से बनायी जानेवाली सलगा पेयजलापूर्ति के लिए पांच बार टेंडर निकाला गया. हजारीबाग के ही गोविंदपुर पेयजलापूर्ति योजना के लिए चार बार टेंडर निकाला गया. इसी तरह लातेहार जिले के भी बरियातू और बालूमाथ पेयजलापूर्ति योजना के लिए तीन-तीन बार टेंडर निकाले गये. पर, किसी ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया.
बोकारो जिले में भेंडरा जलापूर्ति योजना के लिए चार बार टेंडर निकाले गये. बार-बार टेंडर निकाले जाने के बावजूद किसी के हिस्सा नहीं लेने की वजह से सरकार ने इन सभी योजनाओं के लिए नयी दर पर एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया.

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