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असरदार रहा झारखंड बंद, राजधानी समेत कई जिलों में चक्का जाम, रेल सेवा बाधित, प्रदर्शन
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सोमवार को विपक्षी दलों द्वारा आहूत झारखंड बंद असरदार रहा. झाविमो, राजद, जदयू, सपा, झाजमं और वामदलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. राजधानी सहित प्रदेश के दूर-दराज इलाके में बंद का असर देखा गया. राजधानी सहित कई शहरों से लंबी दूरी के वाहन नहीं चले. ग्रामीण क्षेत्रों से छोटे वाहनों […]
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ सोमवार को विपक्षी दलों द्वारा आहूत झारखंड बंद असरदार रहा. झाविमो, राजद, जदयू, सपा, झाजमं और वामदलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. राजधानी सहित प्रदेश के दूर-दराज इलाके में बंद का असर देखा गया.
राजधानी सहित कई शहरों से लंबी दूरी के वाहन नहीं चले. ग्रामीण क्षेत्रों से छोटे वाहनों का परिचालन भी बंद रहा. राज्य भर में कई जगहों पर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने एनएच को जाम किया.
गढ़वा के पास एनएच-75 को दो घंटे तक के लिए जाम कर दिया गया. मेदिनीनगर, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ सहित कई जगहों पर चक्का जाम किया गया. हजारीबाग और रामगढ़ में एनएच-33 पर गाड़ियों का परिचालन बाधित रहा. रामगढ़ के घाटो, कुजू और मांडू में कोयला की ढुलाई ठप रही.
रांची : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से बुलाये गये झारखंड बंद का असर राजधानी रांची में भी दिखा. राजधानी की अधिकतर दुकानें बंद रही. ऑटो का परिचालन कम हुआ. निजी विद्यालय भी बंद रहे. विपक्षी दल के नेताओं ने सड़क पर उतर कर शांतिपूर्ण ढंग से बंद कराया. कई जगहों पर बंद समर्थकों ने टायर जला कर अपना विरोध प्रकट किया. कई इलाकों में मोटरसाइकिल जुलूस निकाल कर बंद कराया गया. इसकी वजह से लंबी दूरी की बसों का परिचालन नहीं हुआ. झाविमो कार्यकर्ताओं ने अरगोड़ा में ट्रेन रोकी.
इधर झाविमो, राजद, समाजवादी पार्टी, जदयू, सीपीआई, सीपीआइ (एम), एमयूसीआई, झारखंड जनाधिकार मंच, सीटू, मासस, फॉरवर्ड ब्लॉक एवं कई समाजिक संगठनों से जुड़े नेता और कार्यकर्ता विभिन्न मार्गो से बंद कराते हुए जयपाल सिंह स्टेडियम पहुंचे. कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. यहां पर सभा का आयोजन किया गया.
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राज्य की जनता भूमि अधिग्रहण अधिनियम के काला कानून को किसी भी कीमत में लागू नहीं होने देगी.
सभा को झाविमो सुप्रीमो बालू लाल मरांडी, झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, राजद के गिरिनाथ सिंह, सीपीआइ के भुवनेवर मेहता, केडी सिंह, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव जेके बख्शी, सपा के मनोहर यादव, मासस के सुशंतो मुखर्जी, जदयू के संजय सहाय, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बरला, फैसल अनुराग, राजद के डॉ मनोज कुमार, मनोज पांडेय, झाविमो रांची महानगर अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र समेत कई नेताओं ने संबोधित किया.
किसने क्या कहा
देश को गुलाम बनाना चाहती है सरकार : मरांडी
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बंद को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह मोदी और रघुवर सरकार के लिए चेतावनी है. मोदी सरकार काला कानून के माध्यम से देश की जनता को गुलाम बनाना चाहती है, जिसे झाविमो कभी होने नहीं देगा. उन्होंने राज्य की जनता और सभी दलों को बंद को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया. श्री मरांडी ने कहा कि विपक्ष एकजुटता के साथ इस लड़ाई को जारी रखेगा.
खेती की जमीन पर भी गड़ी है नजर : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार संसाधानों को कॉरपोरेट के हाथों की गिरवी करना चाहती है. अभी तो विकास के नाम पर जमीन ली जा रही है, लेकिन इसके पीछे का खेल कुछ और है. खेती की जमीन पर भी कॉरपोरेट की नजर है. बड़ी कंपनियां खेती के लिए भी किसानों से जमीन छीनेगी. श्री यादव ने कहा कि अभी से सचेत होने की जरूरत है. भूमि अधिग्रहण कानून लोगों पर जबरन थोपने नहीं दिया जायेगा.
झारखंड के लूट की साजिश : बंधु
झाजमं नेता बंधु तिर्की ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून से सबसे ज्यादा नुकसान झारखंड जैसे प्रदेश का होगा. यहां के खनिज और प्राकृतिक संसाधनों पर कॉरपोरेट की नजर है. यह कानून लागू हो गया, तो झारखंड बरबाद हो जायेगा. यहां के आदिवासियों को उजाड़ने की साजिश रची जा रही है. जंगल पर भी कॉरपोरेट अपना शिकंजा कसना चाहता है. गरीब और किसान की जमीन लूट कर बेघर कर दिया जायेगा. झारखंड में किसी भी हाल में कानून लागू नहीं होने देंगे.
जबरन थोपा जा रहा है कानून : गिरिनाथ
राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश की गरीब जनता पर यह कानून जबरन थोपना चाहती है. इसे कभी पूर्ण नहीं होने दिया जायेगा. झारखंड सरकार केंद्र के इशारे पर काम कर रही है.
कॉरपोरेट के इशारे पर बिल में संशोधन : मेहता
सीपीआइ के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून बना था. भाजपा ने इस कानून को लागू करने के बजाये कॉरपोरेट के इशारे पर बिल में संशोधन किया. इस अध्यादेश के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा.
रांची में 70, राज्य भर में 1135 बंद समर्थक गिरफ्तार
रांची : बंद के दौरान पुलिस ने राज्य के 15 जिलों में 1135 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किये हैं. सबसे अधिक 289 गिरफ्तारी जमशेदपुर में हुई है. कोडरमा में 110 और गुमला में 100 लोग गिरफ्तार किये गये. राजधानी रांची में कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
जिला गिरफ्तारी
रांची 70
खूंटी 20
गुमला 100
लोहरदगा 46
जमशेपुर 289
सरायकेला 13
चाईबासा 70
पलामू 54
गढ़वा 56
हजारीबाग 20
कोडरमा 110
गिरिडीह 33
पाकुड़ 64
जामताड़ा 92
देवघर 98
कुल 1135
इधर भाजपा ने बंद को विफल बताया
रांची : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से बुलाये गये बंद को भाजपा ने विफल बताया है. प्रदेश प्रवक्ता प्रेम मित्तल ने कहा कि राज्य की जनता ने विपक्षी दलों की ओर से बुलाये गये बंद को नकार दिया है. जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर, डालटेनगंज समेत राज्य सभी शहरों में व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे.
राजधानी में भी जनजीवन सामान्य रहा. बुद्ध पूर्णिमा की सरकारी बंदी की वजह से सरकारी कार्यालय पहले ही बंद थे. भाजपा किसान मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि विपक्ष किसानों को दिग्भ्रमित कर रहा है. विपक्ष बिल की कमियों को बताने में नाकाम रहा है. केवल किसानों के बीच भ्रम पैदा कर उसे होने वाले फायदे से वंचित करना चाहता है.
किसानों को भ्रमित कर रहा है विपक्ष
भाजपा रांची महानगर अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह व मीडिया प्रभारी बजरंग वर्मा ने विपक्ष की ओर से बुलाये गये झारखंड बंद को बेअसर बताया. श्री सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल के नाम पर विपक्ष किसानों को दिग्भ्रमित कर रहा है.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
रांची. भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में रांची में बंद के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टी के 70 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. बाद में सभी को रिहा कर दिया गया. मेन रोड से गिरफ्तार 50 कार्यकर्ताओं को बिरसा मुंडा फुटबॉल ग्राउंड स्थित कैंप जेल में रखा गया था. बंद के मद्देनजर राजधानी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. शहर में जिला पुलिस, जैप, रैप के करीब 800 जवानों को तैनात किया गया था.
जबकि दो सौ जवानों को रिजर्व में रखा गया था. पूरे शहर में करीब 145 दंडाधिकारी भी तैनात किये गये थे. सुरक्षा व्यवस्था की मॉनीटरिंग एसएसपी प्रभात कुमार स्वयं कर रहे थे. सड़क पर उतरे मंच के कार्यकर्ता : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच के कार्यकर्ता तोरपा – कमडारा क्षेत्र में सड़क पर उतरे. कुलडा, अमापखना, मरचा – रनिया मोड़, पोकला, तुरुंडू, मरचा व अन्य क्षेत्रों में बंद कराया.
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