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यूसीमासे सीखने से बच्चों में आती है एकाग्रता : फादर खेस

संत जेवियर्स स्कूल में प्रतियोगिता का आयोजनफोटो : कौशिक लाइफ रिपोर्टर @ रांची संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा के प्राचार्य फादर अजीत खेस ने कहा कि किसी भी चीज को सीखने के लिए एकाग्रता आवश्यक है. यूसीमास (यूनिवर्सल कंसेप्ट इन मेंटल अर्थमेटिक सिस्टम) अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त बौद्धिक विकास से संबंधित कार्यक्रम है. यूसीमास सीखने वाले बच्चों […]

संत जेवियर्स स्कूल में प्रतियोगिता का आयोजनफोटो : कौशिक लाइफ रिपोर्टर @ रांची संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा के प्राचार्य फादर अजीत खेस ने कहा कि किसी भी चीज को सीखने के लिए एकाग्रता आवश्यक है. यूसीमास (यूनिवर्सल कंसेप्ट इन मेंटल अर्थमेटिक सिस्टम) अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त बौद्धिक विकास से संबंधित कार्यक्रम है. यूसीमास सीखने वाले बच्चों में सुनने, देखने की क्षमता अधिक होती है. वे रविवार को संत जेवियर्स स्कूल में यूसीमास द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि यूसीमास सीखनेवाले बच्चों की एकाग्रता अधिक होती है. यह दूसरे विषयों को भी सीखने में मदद करता है. जीनियस अवेकस की संचालक वंदना चौबे ने कहा कि झारखंड में यह प्रणाली 2006 में शुरू की गयी थी. प्रतियोगिता में चार से 14 वर्ष के बच्चों ने भाग लिया. प्रश्नपत्र में 200 सवालों का जवाब महज आठ मिनट में देना होता है. परीक्षा का मूल उद्देश्य मस्तिष्क के दाहिने हिस्से का विकास करना है. इस प्रणाली में जिन क्रियाओं का सिखाया जाता है उससे मस्तिष्क के दोनों भागों की कोशिकाएं सक्रिय होते हैं. उन्होंने बताया कि यूसीमास का कार्यक्रम आठ स्तरों में विभाजित है. हर स्तर तीन महीनों की अवधि का होता है. इन तीन माह के सप्ताहांत में विशेष कक्षा में प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा दो घंटों की कक्षा ली जाती है. इस अवसर पर मेयर आशा लकड़ा ने बच्चों ने बीच प्रश्नपत्र वितरित किया.

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