नयी दिल्ली. श्रम कानूनों में बदलाव के सरकार के प्रस्तावों का श्रमिक संगठनों ने विरोध करने का फैसला किया है. श्रम मंत्रालय ने कानूनों में बदलाव कर 300 कर्मचारियों वाली कंपनी को पूर्वानुमति के बिना ही कर्मचारियों की छंटनी करने और ट्रेड यूनियन बनाने के नियमों को और कठिन बनाने का प्रस्ताव किया है. ये प्रस्ताव श्रम मंत्रालय के औद्योगिक संबंध विधेयक 2015 का हिस्सा है. विधेयक के श्रम संहिता मसौदे में इन प्रावधानों का जिक्र किया गया है. इसमें औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947, ट्रेड यूनियंस अधिनियम 1926 और औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) कानून 1946 को मिलाकर इसे बनाया जा रहा है. भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार ने कहा, ‘हम इस प्रस्ताव के खिलाफ विरोध करेंगे. औद्योगिक संबंध विधेयक 2015 के श्रम संहिता मसौदे में कंपनियों को पूर्वानुमति के बिना ही कर्मचारियों की छंटनी का अधिकार देने का प्रस्ताव किया जा रहा है, हम इसका विरोध करेंगे।’
प्रस्तावित श्रम कानून प्रावधान का यूनियन करेंगी कड़ा विरोध
नयी दिल्ली. श्रम कानूनों में बदलाव के सरकार के प्रस्तावों का श्रमिक संगठनों ने विरोध करने का फैसला किया है. श्रम मंत्रालय ने कानूनों में बदलाव कर 300 कर्मचारियों वाली कंपनी को पूर्वानुमति के बिना ही कर्मचारियों की छंटनी करने और ट्रेड यूनियन बनाने के नियमों को और कठिन बनाने का प्रस्ताव किया है. ये […]
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