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23 बीएड कॉलेजों को संबद्धता नहीं मिली

रांची विवि : दो हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य लगा दावं पर रांची : राज्य सरकार ने रांची विवि अंतर्गत 23 बीएड कॉलेजों को सत्र 2014-15 की संबद्धता नहीं दी. इससे उक्त सत्र के लगभग दो हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दावं पर लग गया है. सरकार से संबद्धता नहीं मिलने पर इन […]

रांची विवि : दो हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य लगा दावं पर
रांची : राज्य सरकार ने रांची विवि अंतर्गत 23 बीएड कॉलेजों को सत्र 2014-15 की संबद्धता नहीं दी. इससे उक्त सत्र के लगभग दो हजार से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दावं पर लग गया है.
सरकार से संबद्धता नहीं मिलने पर इन विद्यार्थियों की परीक्षा से लेकर रिजल्ट तक फंस गया है. राज्य सरकार ने इस बाबत रांची विवि को 29 अप्रैल 2015 को पत्र भेज दिया है.
सरकार का पत्र मिलते ही विवि में हड़कंप मच गया है. प्रभात खबर ने इस बाबत 31 जनवरी 2015 को खबर प्रकाशित की थी कि विवि द्वारा सुप्रीम कोर्ट व सरकार के निर्णय के बावजूद संबद्धता के लिए निर्धारित समय के बाद प्रस्ताव मानव संसाधन विकास विभाग भेजा गया था.
इसके बाद सरकार ने विधि विभाग व महाधिवक्ता से राय लेने के बाद उक्त सत्र की संबद्धता देने से इनकार कर दिया. सरकार के इस फैसले से विवि अंतर्गत लगभग सभी बीएड कॉलेज का मामला फंस गया है.
सत्र 2015-17 से नये नियम पर होंगे नामांकन : नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ) की नयी गाइडलाइन के मुताबिक अब बीएड में नामांकन होंगे. नामांकन केंद्रीयकृत पद्धति से होगी, जबकि कोर्स दो वर्ष का होगा. इधर एनसीटीइ द्वारा रांची विवि अंतर्गत रांची वीमेंस कॉलेज, रांची कॉलेज और केओ कॉलेज गुमला में सत्र 2015-17 से नामांकन पर रोक लगायी गयी है. इन कॉलेजों में एनसीटीइ के नार्म्स का पालन नहीं करने के कारण रोक लगायी गयी है. हालांकि एनसीटीइ ने इन कॉलेजों को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया है.
मानव संसाधन विकास विभाग ने विवि को पत्र भेज दी जानकारी
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बीएड कॉलेजों की संबद्धता से संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के पास 20 मार्च 2014 तक मान्यता के लिए भेजने का निर्देश दिया गया था, लेकिन रांची विवि ने अप्रैल 2014 में इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में यह कह कर प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगायी कि प्रस्ताव कोर्ट के आदेश के आलोक में निर्धारित समय पर नहीं आया.
जबकि कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने तो समय पर विवि में प्रस्ताव भेज दिया था, विवि ने देरी की है, तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. इसी आधार पर सभी कॉलेजों ने सत्र 2014-15 में नामांकन भी ले लिया. इस आदेश से रांची विवि अंतर्गत रांची वीमेंस कॉलेज, रांची कॉलेज और केओ कॉलेज गुमला के बीएड कोर्स के विद्यार्थी प्रभावित नहीं होंगे.
विवि को सरकार का पत्र मिला है : रजिस्ट्रार
रांची विवि के रजिस्ट्रार डॉ एके चौधरी से बीएड सत्र 2014-15 की संबद्धता नहीं दिये जाने की बाबत पूछने पर कहा कि मानव संसाधन विकास विभाग (उच्च शिक्षा निदेशालय) द्वारा विवि को पत्र प्राप्त हो गया है.
इसके मुताबिक सत्र 2014-15 में प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी गयी है. विवि अब आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा है. यह सही है कि संबद्धता नहीं मिलने पर कॉलेजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. विवि रास्त निकालने का प्रयास कर रहा है.

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