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एक्सक्लूसिव : झारखंड में भूमि अधिग्रहण में हेरफेर, दो अधिसूचना के बीच सक्रिय हुए बिचौलिये, बनाये करोडों रुपये

रांची : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नया भूमि अधिग्रहण कानून लाने के अपने भूमि विधेयक को पारित करवाने के लिए कृत संकल्पित है. मोदी सरकार का दावा है कि इस विधेयक में आदिवासियों की भूमि की बात नहीं की गयी है और महज सात आवश्यक परियोजनाओं के लिए उनके भूमि को थोडी आसान शर्त […]

रांची : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नया भूमि अधिग्रहण कानून लाने के अपने भूमि विधेयक को पारित करवाने के लिए कृत संकल्पित है. मोदी सरकार का दावा है कि इस विधेयक में आदिवासियों की भूमि की बात नहीं की गयी है और महज सात आवश्यक परियोजनाओं के लिए उनके भूमि को थोडी आसान शर्त पर अधिग्रहित करना चाहती है. जैसे, आधारभूत संरचना, रक्षा परियोजना निर्माण, सार्वजनिक महत्व की संपत्तियों का निर्माण आदि. मोदी सरकार ने हाल में इस बिंदु पर दोबारा अध्यादेश भी जारी किया है.
नरेंद्र मोदी व भाजपा के चुनावी नारे केंद्र और राज्य में मोदी सरकार के जुमले के अगर तकनीकी सीमाओं से हटकर राजनीतिक नजरिये से देखें तो माना जा सकता है कि राज्य में भी नरेंद्र मोदी की पार्टी का शासन होने के कारण एक तरह से उनकी एक्सटेंशन सरकार है. पर, यहां के मूल रैयतों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है. धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, जिसे इस बजट में केंद्र सरकार ने आइआइटी का दर्जा देने का एलान कर दिया, उसके लिए अधिग्रहित की गयी 3.02 एकड भूमि का मुआवजा मूल रैयतों की जगह खरीदारों ने प्राप्त कर लिया. दिलचस्प बात यह भूमि अधिग्रहण भी मोदी सरकार के आवश्यक आधारभूत संरचना व सार्वजनिक परिसंपत्ति निर्माण के दायरे में आती है.
आश्चर्य की बात यह कि 2012 में जब पहली बार आइएसएम के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गयी तो इसकी कार्यवाही को आगे नहीं बढाया गया, लेकिन जब फिर दोबारा 2013 में अधिसूचना जारी की गयी तो कार्यवाही तेजी से आगे बढायी गयी. इस समय अवधि के बीच में कुछ खास लोगों ने वहां मूल रैयतों से औने पौने भाव में जमीन खरीदी और फिर उंची कीमत पर उसका अधिग्रहण कराया. इससे सवाल उठता है कि क्या सचमुच देश में कोई भूमि अधिग्रहण कानून ऐसा बनेगा, जिसके माध्यम से मूल रैयतों के हितों की सुरक्षा हो सकेगी. इस पूरे माजरे को प्रभात खबर के आनंद मोहन ने बिंदुवार इस प्रकार उजागर किया है :

जानिए, कैसे जारी हुई दो बार अधिसूचना?
इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) का विस्तार करने के लिए धनबाद में किये गये 3.02 एकड़ जमीन के अधिग्रहण में मुआवजा देने में भारी अनियमितता बरती गयी है. जमीन दलालों और प्रशासन की मिलीभगत से धैया मौजा में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना दो बार जारी की गयी.

पहली बार नौ अगस्त 2012 को प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की. पर आश्चर्यजनक रूप से अधिग्रहण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ायी गयी. एक साल बाद 13 सितंबर 2013 को उपायुक्त के आदेश पर दोबारा अधिसूचना जारी की गयी. इसमें आपात परिस्थिति में जमीन अधिग्रहण की बात बतायी गयी. इन दोनों अधिसूचना के बीच कुछ खास लोगों ने धैया मौजा की जमीन खरीद ली. औने-पौने दाम में रैयतों से रजिस्ट्री करा ली. नयी अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने तथाकथित रैयतों को मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपये बांटे.

पर मुआवजे की रकम मूल रैयतों की जगह कुछ माह पूर्व जमीन खरीदनेवालों को दी गयी. सूचना के मुताबिक अब तक तीन एकड़ जमीन के लिए आइएसएम की ओर से 10 करोड़ रुपये भू-अजर्न विभाग को जमा किये गये हैं.
खरीद-बिक्री पर थी रोक, बावजूद बिकी जमीन
2013 में अधिग्रहण की सूचना के बाद भू-अजर्न पदाधिकारी उदयकांत पाठक ने 18 सितंबर 2013 को जिला अवर निबंधक को पत्र लिख कर धैया मौजा में अजिर्त होनेवाली जमीन का निबंधन या हस्तांतरण नहीं करने का पत्र भेजा. इसके बाद भी खाता संख्या 158 में जमीन की बिक्री हुई. सुषमा प्रसाद (डीड संख्या-8183, 8182) ने 31 अक्तूबर 2013 को जमीन खरीदी. इस जमीन पर बिना दाखिल खारिज के 59 लाख से अधिक का मुआवजा शिड्यूल तैयार हुआ.
वंशावली की जानकारी नहीं ली
अधिसूचना का नोटिस मूल रैयतों के नाम जारी किया गया. पर नोटिस के तामील की जिम्मेदारी जिन्हें दी गयी, उन्होंने जानकारी दी कि मूल रैयत नहीं हैं. जबकि उनके वंशज वहां थे. प्रशासन की ओर से वशांवली की जानकारी नहीं ली गयी. केवल जमीन खरीदने वाले को मुआवजा दिया गया.
तत्कालीन डीसी ने भुगतान पर लगायी थी रोक
धनबाद के उपायुक्त रहे सुनील कुमार वर्णवाल ने रिंग रोड अधिग्रहण में मुआवजे वितरण में गड़बड़ी पकड़ी थी. उन्होंने कई फरजी डीड पर भुगतान पर रोक लगाने को कहा था. रिंग रोड के अधिग्रहण में भी अनियमितता हुई थी. रिंग रोड में गड़बड़ी करनेवाले गिरोह ने ही आइएसएम में जमीन की खरीद-बिक्री की.
पहली अधिसूचना के बाद जमीन खरीद व मुआवजा का ब्योरा
विक्रेता क्रेता प्लॉट संख्या भुगतान की तिथि राशि ( में)
हेमिया राय वीरेंद्र कु मिश्र 4196 7.04.14 3070592
मनु राय अभिषेक कुमार 4196 7.04.14 10235309
मनु राय तनुजा सिंह 4196 7.04.14 3070592
शिवनाथ गोप सुषमा प्रसाद 4211 7.04.14 2558827
ब्यास प्रसाद राय मालती देवी 4358 7.04.14 5629420
व्यास प्रसाद राय कृतेंद्र कु कौशिक 4358 7.04.14 4605889
वैजयंती वर्मा केदारनाथ शर्मा 4382 7.04.14 4 करोड़

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