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कॉलेज में प्रैक्टिकल के बाद रेडियो एक्टिव तत्व नष्ट करें
रांची : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची विवि समेत सभी विवि व कॉलेजों को प्रयोगशाला में उपयोग किये जा रहे रेडियोएक्टिव व रसायन तत्व को पूरी तरह से नष्ट करने का निर्देश दिया है. रेडियो आइसोटॉप्स के बारे में यूजीसी ने गाइड लाइन भी जारी किया है. विवि के कुलपति को पत्र लिख कर […]
रांची : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची विवि समेत सभी विवि व कॉलेजों को प्रयोगशाला में उपयोग किये जा रहे रेडियोएक्टिव व रसायन तत्व को पूरी तरह से नष्ट करने का निर्देश दिया है. रेडियो आइसोटॉप्स के बारे में यूजीसी ने गाइड लाइन भी जारी किया है. विवि के कुलपति को पत्र लिख कर इसे अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया है
पत्र में लिखा है कि प्रयोगशाला में रिसर्च या प्रैक्टिकल के बाद रेडियोएक्टिव व रसायन तत्व को इस्तेमाल के बाद यू हीं छोड़ दिया जा रहा है. इसका शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है. कई बार देखा गया है कि विद्यार्थी प्रयोगशाला में खुद से इन तत्वों का उपयोग करने लगते हैं, जिससे यह खुला रह जाता है या फिर गिर जाता है. यह खतरनाक है. यूजीसी ने कुलपति को निर्देश दिया है कि प्रयोगशाला में किसी वरीय शिक्षक या वैज्ञानिक की देखरेख व निर्देशन में ही विद्यार्थी इसका उपयोग करें. प्रयोगशाला में रेडिएशन वर्कर को पूरी तरह से प्रशिक्षित भी करने का निर्देश दिया गया है.
जानकारी दी गयी है कि वैसे प्रयोगशाला, जहां रेडियो आइसोटॉप्स का उपयोग हो रहा है, उसका ठीक ढंग से रख रखाव किया जाये.
प्रयोगशाला में किसी भी हाल में सिगरेट पीने, पानी पीने, खाना खाने, शराब आदि पीने की मनाही की गयी है. जहां पर इन तत्वों को नष्ट किया जाना है, उस एरिया की पहचान कर वहां पर बोर्ड लगाना आवश्यक है. साथ ही काम करने की अवधि तक इसे लॉक रखना है. रेडियो आइसोटॉप्स के उपयोग के बाद हाथ को अच्छी तरह से धोने को कहा गया है.
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