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बोकारो के सिविल सर्जन डॉ शशिभूषण गये हाइकोर्ट
ट्रांसफर-पोस्टिंग से वरीय चिकित्सक नाराज संजय रांची : स्वास्थ्य विभाग के कई वरीय चिकित्सकों ने 25 मार्च को हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इस ट्रांसफर-पोस्टिंग के खिलाफ सिविल सजर्न, बोकारो डॉ शशि भूषण प्रसाद सिंह ने हाइकोर्ट की शरण ली है. चिकित्सकों का कहना है कि निदेशालय के कई वरीय चिकित्सक पदाधिकारियों […]
ट्रांसफर-पोस्टिंग से वरीय चिकित्सक नाराज
संजय
रांची : स्वास्थ्य विभाग के कई वरीय चिकित्सकों ने 25 मार्च को हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इस ट्रांसफर-पोस्टिंग के खिलाफ सिविल सजर्न, बोकारो डॉ शशि भूषण प्रसाद सिंह ने हाइकोर्ट की शरण ली है. चिकित्सकों का कहना है कि निदेशालय के कई वरीय चिकित्सक पदाधिकारियों को उनके सीनियर पदों से हटा कर जूनियर पद पर ला दिया गया है.
उप निदेशक, अपर निदेशक व निदेशक स्तर के ऐसे चिकित्सा पदाधिकारियों में डॉ नीलमणि झा, डॉ विनोद कुमार, डॉ जेपी सिन्हा, डॉ लल्लू चौधरी, डॉ शिव कुमार प्रसाद, डॉ राम रतन सिंह, डॉ नवीन कुमार सिन्हा, डॉ मीना तथा डॉ दिपाली डे शामिल हैं. निदेशक स्तर के अधिकारी डॉ नीलमणि झा को सिविल सजर्न के मातहत एसीएमओ बना दिया गया है. चिकित्सकों के अनुसार, किसी अनियमितता या गड़बड़ी के मामले में जांच व स्पष्टीकरण के बाद ही सरकार ऐसा कोई कदम उठा सकती है. इन पदाधिकारियों पर कोई आरोप था, तो इसके लिए उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए था.
पलामू की पूर्व क्षेत्रीय उप निदेशक रही डॉ मीरा झा व ओरमांझी पीएचसी में तैनात डॉ कामिनी अग्रवाल के मामले में हाइकोर्ट ने पूर्व में एक आदेश पारित किया था कि सीनियर पदाधिकारियों को जूनियर पदाधिकारियों के मातहत कार्य नहीं कराया जा सकता. एक तरफ निदेशालय से लोगों को हटाया गया है, वहीं वहां वर्षो से जमे चिकित्सा पदाधिकारियों को छोड़ दिया गया.
जैसे अपर निदेशक डॉ विद्या गुप्ता गत छह वर्षो से निदेशालय में हैं. चिकित्सकों का आरोप है कि विभाग विशेषज्ञ चिकित्सकों को फिल्ड में रखना चाहता है, पर निदेशालय में डॉ विद्या गुप्ता, डॉ एके चौधरी, डॉ रमेश प्रसाद, डॉ जया प्रसाद व डॉ एमएन लाल भी विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, जिन्हें नहीं हटाया गया. निदेशालय में डॉ टी हेंब्रम व डॉ विजय शंकर जैसे वित्तीय अनियमितता के आरोपी चिकित्सक भी हैं.
ट्रांसफर-पोस्टिंग की अधिसूचना में कुछ अन्य गड़बड़ियां भी हैं. एक ओर जहां लोहरदगा के सिविल सजर्न रहे 1988 बैच के डॉ मुरली मनोहर सेनगुप्ता को प्रोमोट कर राज्य कुष्ठ नियंत्रण पदाधिकारी बना दिया गया है.
वहीं इस पद पर रहे 1979 बैच के डॉ नवीन कुमार सिन्हा को पदावनति कर आरडीडी चाईबासा बना दिया गया है. 1990 बैच के डॉ बास्की को फिर निदेशालय ले आया गया है. इधर निदेशालय में अपर निदेशक डॉ मीना की भी पदावनति कर उन्हें एसीएमओ, सरायकेला बना दिया गया है.
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