रांची: निगरानी ब्यूरो ने खनिज विकास निगम के उप-निदेशक रवींद्र प्रसाद मिश्र के खिलाफ प्रारंभिक जांच संख्या 19/13 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इन पर गलत ढंग से लिपिकों की नियुक्ति कर संपत्ति अजिर्त करने का आरोप है. मामले से संबंधित शिकायत हवाई नगर निवासी अजीत पासवान ने लोकायुक्त से की थी. इसके आधार पर लोकायुक्त ने मामले की जांच का निर्देश निगरानी ब्यूरो को दिया था.
शिकायतकर्ता द्वारा लोकायुक्त को उपलब्ध कराये गये जानकारी के मुताबिक रवींद्र प्रसाद मिश्र 2005 से 2008 के बीच भू-तत्व निदेशालय में प्रभारी उप निदेशक के पद पर थे. विभाग में लिपिकों का पद नहीं रहते हुए उनके द्वारा गलत ढंग से लिपिकों की नियुक्ति की गयी.
इस नियुक्ति के लिए उन्होंने कुलेश कुमार, शिद्रा आफरीन और अमरदीप कुमार से 30 लाख रुपये वसूले. वर्ष 2011 में एजी ने अपनी ऑडिट में गड़बड़ी पकड़ी, जिसमें एजी ने 50 लाख रुपये का अपव्यय बताते हुए रवींद्र कुमार मिश्र से रुपये वसूली का आदेश दिया. मामले की जांच विभागीय स्तर पर भी हुई. जांच के दौरान तत्कालीन अवर सचिव राजेश कुमार ने रवींद्र मिश्र को दोष मुक्त कर दिया. इन सभी बिंदुओं पर निगरानी ने जांच शुरू कर दी है.