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अधिकार जब्त होने के बावजूद काटा था 1.38 करोड़ का चेक
रांची : कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने अधिकार जब्त किये जाने के बावजूद 1.38 करोड़ रुपये का चेक काटा. ऐसा विभागीय कर्मचारियों द्वारा सचिव के आदेश को छिपा दिये जाने की वजह से हुआ. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इस मामले में विभाग के मनोज कुमार और अरुण कुमार झा नामक कर्मचारियों से जवाब-तलब करते […]
रांची : कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने अधिकार जब्त किये जाने के बावजूद 1.38 करोड़ रुपये का चेक काटा. ऐसा विभागीय कर्मचारियों द्वारा सचिव के आदेश को छिपा दिये जाने की वजह से हुआ. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इस मामले में विभाग के मनोज कुमार और अरुण कुमार झा नामक कर्मचारियों से जवाब-तलब करते हुए निलंबित करने की चेतावनी दी है.
धनबाद पेयजल प्रमंडल-एक के कार्यपालक अभियंता द्वारा की गयी गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद विभागीय सचिव एपी सिंह से सबसे पहले अभियंता का वित्तीय अधिकार जब्त करने का आदेश दिया था. सचिव के आदेश पर कोषागार के माध्यम से होनेवाली निकासी पर पाबंदी लग गयी, लेकिन पाबंदी लगाने से संबंधित आदेश की प्रति बैंक को नहीं मिली.
इसकी वजह से वित्तीय अधिकार जब्त किये जाने के बाद इस इंजीनियर ने बैंक से निकासी के लिए 1.38 करोड़ रुपये का चेक काट दिया. मामले की सूचना मिलने पर विभागीय सचिव ने छानबीन की. इसमें यह पाया गया कि डिस्पैच शाखा के कर्मचारियों ने सचिव के आदेश को भेजा ही नहीं था.
सचिव द्वारा छानबीन किये जाने के बाद वित्तीय अधिकार जब्त करने से संबंधित आदेश डिस्पैच शाखा ने भेजा. इस बीच इंजीनियर द्वारा जारी किये गये 1.38 करोड़ रुपये के चेक में से बैंक ने 83 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था. विभागीय आदेश मिलने के बाद 57 लाख रुपये के चेक भुगतान को रोक दिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिव ने सरकारी आदेश छिपाये रखनेवाले मनोज कुमार और अरुण कुमार झा नामक दो कर्मचारियों से जवाब-तलब किया. उन्हें एक सप्ताह में अपना पक्ष पेश करने का समय दिया गया है. साथ ही निलंबित करने की चेतावनी दी गयी है.
बिना आदेश के इंजीनियर बना सीइओ
रांची : सहायक अभियंता सुभाष कुमार निगम सरकार के आदेश के बिना ही जामताड़ा नगर पालिका का सीइओ बन गये थे. सीइओ की हैसियत से काम करते हुए उसने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की. गरीबों के बदले अमीरों को आवास बनाने का पैसा दे दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने उपायुक्त से इस सिलसिले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
सहायक अभियंता सुभाष निगम जामताड़ा जिले के पेयजल स्वच्छता विभाग के नाला प्रमंडल में पदस्थापित था.
वह सरकार के आदेश के बिना ही जामताड़ा नगर पालिका का सीइओ बन गये. वह नगर पालिका का सीइओ कैसे बना इसकी कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है. पिछले दिनों विभाग को इस बात की जानकारी मिली कि इस इंजीनियर ने नगर पालिका के सीइओ के रूप में काम करते हुए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है.
इंजीनियर ने जेएनएनयूआरएम से गरीबों को आवास बनाने के लिए पैसा देने के बदले अमीरों को पैसा दे दिया. इसके अलावा अन्य प्रकार की वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद विभाग ने इस सिलसिले में जामताड़ा के उपायुक्त से इंजीनियर के कारनामों की विस्तृत जानकारी मांगी है.
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