रांची: हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत में सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता जीतन मरांडी की पत्नी अपर्णा मरांडी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली.
प्रार्थी को कानूनी और मानवीय आधार पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रार्थी प्रतिष्ठित महिला हैं. उनका बच्च भी है, जो उनके साथ है. साक्ष्य भी नहीं दिखाया गया.
ऐसा प्रतीत होता है कि दुर्भावना से ग्रसित होकर उन्हें घटना में शामिल कर दिया गया है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजन राज ने अदालत को बताया कि अपर्णा घरेलू महिला हैं. पुलिस ने बिना सबूत के दुमका के काठीकुंड (52/2012) में हुई नक्सली घटना में उन्हें शामिल बताया है. प्राथमिकी में प्रार्थी का नाम नहीं है. स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर अपर्णा मरांडी को आरोपी बना दिया गया, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है. उल्लेखनीय है कि पुलिस ने हटिया स्टेशन से अपर्णा को गिरफ्तार किया था. उन्हें आठ नवंबर-2012 को जेल भेजा गया था.