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आइएएस अफसर ने की गड़बड़ी, पत्नी को आवंटित की जमीन
रांची: आइएएस अधिकारी वीरेंद्र राम (अब सेवानिवृत्त) ने जालसाजी कर 2500 वर्ग फुट की जमीन को कट प्लॉट मानते हुए अपनी पत्नी के नाम आवंटित कर दिया था. यह काम उन्होंने तब किया, जब वह राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे. यही नहीं, वीरेंद्र राम की पत्नी प्रसन्ना नारायण ने […]
रांची: आइएएस अधिकारी वीरेंद्र राम (अब सेवानिवृत्त) ने जालसाजी कर 2500 वर्ग फुट की जमीन को कट प्लॉट मानते हुए अपनी पत्नी के नाम आवंटित कर दिया था. यह काम उन्होंने तब किया, जब वह राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे. यही नहीं, वीरेंद्र राम की पत्नी प्रसन्ना नारायण ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी होने के बावजूद निम्न आय वर्ग कोटे से मकान आवंटित करा लिया था. आवास बोर्ड के एमडी दिलीप झा की ओर से करायी गयी जांच में इसका खुलासा हुआ है.
पत्नी ने खुद को निम्न आय वर्ग का बताया : जांच में पाया गया है कि सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी वीरेंद्र राम की पत्नी प्रसन्ना नारायण ने एकीकृत बिहार के समय जमीन/मकान आवंटित करने के लिए आवास बोर्ड में आवेदन दिया था. राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी होने के बाद भी उन्होंने आवेदन में खुद को निम्न आय वर्ग का बताया था. नियमानुसार निम्न आय वर्ग में वैसे लोग आते हैं, जिनकी सालाना आमदनी 25000 हजार रुपये से अधिक न हो. बाद में लॉटरी के माध्यम से मकान संख्या एलआइजी /51 (क्षेत्रफल 686 वर्ग फुट) आवंटित करने के लिए उनके नाम का चयन हुआ था. उन्हें 30 मई 1992 को पत्र (संख्या 186) के माध्यम से इसकी सूचना दी गयी थी. साथ ही एक माह के अंदर जमानती राशि आदि जमा करने सहित अन्य कागजी कार्रवाइयां पूरी करने का निर्देश दिया गया था. हालांकि प्रसन्ना नारायण ने जमानती राशि जमा नहीं की. आठ साल तक इंतजार करने के बाद बिहार राज्य आवास बोर्ड ने आदेश (4016) जारी कर इस आवंटन को रद्द कर दिया.
2009 में आवास बोर्ड के एमडी बने थे वीरेंद्र राम
हरमू में बढ़ती जमीन की कीमत को देखते हुए प्रसन्ना नारायण ने 2008 में लॉटरी के माध्यम से किये गये आवंटन को पुनर्जीवित करने का अनुरोध किया. इसके लिए उन्होंने गलत शपथ पत्र दायर कर नगर निगम क्षेत्र में जमीन/ मकान नहीं होने का दावा किया. बोर्ड के तत्कालीन एमडी अब्राहम रौना ने इस पर विचार करने के बाद मकान संख्या एलआइजी/51 को पुनर्जीवित करने का फैसला किया. उन्होंने पांच मार्च 2008 को इससे संबंधित आदेश (संख्या 515) जारी किया. 2009 में प्रसन्ना नारायण के पति वीरेंद्र राम आवास बोर्ड के एमडी बने.
पति के एमडी बनने के बाद प्रसन्ना नारायण ने अपने नाम कट प्लॉट आवंटित करने के लिए आवेदन दिया. पति ने पत्नी ने आवेदन पर विचार करने के बाद मूल आवंटित जमीन 686 वर्ग फुट की करीब चौगुना जमीन को कट प्लॉट घोषित किया. इसके बाद एमडी ने मकान संख्या एलआइजी/51 के सामने सड़क की दूसरी तरफ की 2500 वर्ग फुट की जमीन अपनी पत्नी के नाम आवंटित कर दी. उन्होंने 2500 वर्ग फुट की जमीन को कट प्लॉट के रूप में आवंटित करने से संबंधित आदेश तीन मार्च 2010 को जारी कर दिया.
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