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स्थानीय नीति: पेच में उलझती रही, होती रही सिर्फ राजनीति, बड़कागांव में नहीं हो सका एनटीपीसी का काम शुरू

रांची/ बड़कागांव: बड़कागांव में एनटीपीसी का काम आरंभ नहीं हो सका. 15 मार्च से काम शुरू होना था. पर विस्थापितों के आंदोलन की वजह से काम आरंभ नहीं हो सका. दो जनवरी से योगेंद्र साव व विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में विस्थापित यहां धरना दे रहे हैं. इसके चलते सिविल वर्क आरंभ नहीं हो […]

रांची/ बड़कागांव: बड़कागांव में एनटीपीसी का काम आरंभ नहीं हो सका. 15 मार्च से काम शुरू होना था. पर विस्थापितों के आंदोलन की वजह से काम आरंभ नहीं हो सका. दो जनवरी से योगेंद्र साव व विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में विस्थापित यहां धरना दे रहे हैं. इसके चलते सिविल वर्क आरंभ नहीं हो पा रहा है. यहां तक इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने हजारीबाग आयुक्त को वार्ता का आदेश दिया, पर वार्ता बेनतीजा रही. विस्थापित प्रति एकड़ 60 लाख रुपये मुआवजा मांग रहे हैं.

जबकि एनटीपीसी प्रबंधन 15 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देना चाह रहा है. सोमवार को बड़कागांव में विस्थापन समिति,जन्मभूमि रक्षा समिति, कर्णपुरा बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा आंदोलन को मजबूत करने के लिए जन संपर्क भी किया गया. विधायक निर्मला देवी, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के नेतृत्व में भू-रैयतों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से पिछले दिनों मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि भू-रैयतों के हितों की रक्षा करने में सरकार कोताही नहीं बरतेगी. उन्होंने कमिश्नर को इस मामले में तुरंत बात करने का आदेश दिया था, पर कमिश्नर के साथ हुई वार्ता में भी हल नहीं निकल सका.

सुरक्षा में दो कंपनी एसआइएसएफ तैनात
सरकार ने एनटीपीसी के बड़कागांव स्थित प्लांट और कोयला खदान की सुरक्षा के लिए दो पंकनी स्टेट इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी फोर्स (एसआइएसएफ) की तैनाती कर दी है. एनटीपीसी के अधिकारियों ने डीजीपी डीके पांडेय से मिल कर सुरक्षा की मांग की थी, जिसके बाद एसआइएसएफ जवानों की तैनाती का निर्णय लिया गया है. एनटीपीसी को एसआइएसएफ के जवान इस शर्त पर उपलब्ध कराये गये हैं, कि जवानों के वेतन व भत्ताें पर होने वाले खर्च का भुगतान एनटीपीसी द्वारा किया जायेगा. एनटीपीसी का प्लांट और कोयला खदान जिस इलाके में है, वह इलाका नक्सल प्रभावित इलाका है. भाकपा माओवादी के अलावा टीपीसी, जेपीसी समेत दूसरे उग्रवादी संगठन सक्रिय है. नक्सली-उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक और विस्थापित संगठनों द्वारा भी कई बार काम को बंद कराने की घटना से एनटीपीसी को काम चालू रखने में परेशानी हो रही थी.
ढेंगा गांव में भू रैयतों का धरना जारी
बड़कागांव के ग्राम ढेंगा में एनटीपीसी के विरुद्ध में दो जनवरी से भू-रैयतों का धरना जारी है. उस दिन से एनटीपीसी का विद्युत सब स्टेशन, आरएनबी कॉलोनी एवं चहारदीवारी का कार्य बंद है.

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