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एसएसपी निकले सड़क पर, थाने की गश्ती थी गायब
रांची : एसएसपी प्रभात कुमार गत शनिवार की देर रात खुद गश्ती पर निकले. इस दौरान उन्होंने खुद राजधानी के विभिन्न चौक-चौक चौराहों का निरीक्षण किया और शहर की विधि-व्यवस्था का जायजा लिया. लेकिन, इस दौरान एसएसपी को किसी चौक-चौराहे पर थाने की गश्ती पार्टी (माइक) नहीं मिली. इससे नाराज एसएसपी ने टेट्रा कंट्रोल रूम […]
रांची : एसएसपी प्रभात कुमार गत शनिवार की देर रात खुद गश्ती पर निकले. इस दौरान उन्होंने खुद राजधानी के विभिन्न चौक-चौक चौराहों का निरीक्षण किया और शहर की विधि-व्यवस्था का जायजा लिया. लेकिन, इस दौरान एसएसपी को किसी चौक-चौराहे पर थाने की गश्ती पार्टी (माइक) नहीं मिली.
इससे नाराज एसएसपी ने टेट्रा कंट्रोल रूम में संपर्क किया और कहा: सभी माइक और थाना प्रभारी (ब्रेवो) का लोकेशन लेकर उन्हें अवगत कराया जाये. एसएसपी ने कहा: अभी पैदल गश्ती भी नहीं शुरू हुई है, इसके बावजूद गश्ती पार्टी सड़क पर नहीं है. देखने से यह स्पष्ट है कि सभी लोग डय़ूटी से गायब हैं या अंधेरे में छिपे हैं. पुलिस की मौजूदगी होनी चाहिए, ताकि लोगों को एहसास हो कि पुलिस उनकी सुरक्षा में सतर्क है.
जब टेट्रा कंट्रोल की ओर पहले सभी ब्रेवो का लोकेशन पूछा गया, तब कोतवाली इंस्पेक्टर अरविंद सिन्हा को छोड़ अधिकांश लोगों ने कंट्रोल रूम को अपना लोकेशन घर में बताया. इसके बाद जब माइक से लोकेशन पूछा गया, तब डेली मार्केट थाना की गश्ती (माइक) में तैनात एक पुलिस पदाधिकारी ने ट्रेटा कंट्रोल को जवाब दिया. हम तो रोड पर गश्ती कर रहे हैं, इसके बावजूद साहब को दिखाई नहीं पड़ता, तो हम क्या करें. यह सुनते ही एसएसपी ने संबंधित पुलिस पदाधिकारी को मेन रोड बुलाया, यह जानने के लिए वह कहां थे. एसएसपी का लोकेशन मेन रोड सुन कर वहां कोतवाली इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी पहुंचे. इसके बाद किसी तरह एसएसपी को समझा कर शांत कराया गया.
रात करीब 12.30 बजे जब मेन रोड पर पैदल गश्ती निकला, तब एसएसपी वहां से निकले. इसके बाद रात करीब एक बजे एसएसपी ने सभी को ब्रेवो को ट्रेटा कंट्रोल से जानकारी दी कि अब पैदल गश्ती शुरू हो गयी है, इसलिए अब ब्रेवो यह देखे कि उनके थाने में गश्ती कहां- कहां है और गश्ती ठीक ढंग से हो रही या नहीं.
रांची : राजधानी रांची जिले में अधिकारियों की भारी कमी है. जिले के कई प्रखंडों में अधिकारी स्तर का पद खाली है. ओरमांझी प्रखंड में तो कल्याण पदाधिकारी का पद पिछले पांच वर्षो से खाली है. खाली पदों पर प्रभार कनीय कर्मियों को दे दिया गया है. इससे जनता को परेशानी भी होती है.
कनीय स्तर के पदों में व्यापक कमी है. केवल ओरमांझी प्रखंड में 18 में से छह कर्मचारी ही काम कर रहे हैं. कांके में एक राजस्व कर्मचारी को अंचल निरीक्षक का प्रभार दे दिया गया है. चान्हो के अंचलाधिकारी का पद पिछले छह माह से प्रभार में है. चान्हो में हुई सांप्रदायिक विवाद के बाद से मांडर के अंचलाधिकारी को प्रभार दिया गया था. प्रखंड स्तरीय कई अधिकारियों को दूसरे-दूसरे प्रखंडों का प्रभार भी दे दिया गया है. एक-एक अधिकारियों को दूसरे-दूसरे प्रखंडों का प्रभार दे दिये जाने के कारण उनका जनता से नियमित संपर्क नहीं हो पाता है.
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