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सियासत: झाविमो में टूट के बाद सत्ता पक्ष के हुए 44 विधायक, भाजपा को अब अकेले बहुमत

रांची: झाविमो के छह विधायक टूट कर भाजपा में शामिल हो गये हैं. इन विधायकों ने विधानसभा में भाजपा के साथ बैठने की अनुमति मांगी है. तोड़-फोड़ के बाद अब सदन के अंदर भाजपा के 44 विधायक (एक मनोनीत सहित) होंगे. आजसू के पांच विधायकों को जोड़ दें, तो सत्ता पक्ष के पास 49 विधायक […]

रांची: झाविमो के छह विधायक टूट कर भाजपा में शामिल हो गये हैं. इन विधायकों ने विधानसभा में भाजपा के साथ बैठने की अनुमति मांगी है. तोड़-फोड़ के बाद अब सदन के अंदर भाजपा के 44 विधायक (एक मनोनीत सहित) होंगे. आजसू के पांच विधायकों को जोड़ दें, तो सत्ता पक्ष के पास 49 विधायक हैं. वर्तमान राजनीतिक हालात में कुछ निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ बैठने के लिए तैयार हैं.

बुधवार को दिल्ली में झाविमो के छह बागी विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण भी कर ली है. पिछले एक महीने के झाविमो ब्रेक ऑपरेशन के बाद भाजपा ने अपने बल पर बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. भाजपा के बहुमत के साथ ही प्रदेश में पक्ष-विपक्ष के राजनीतिक समीकरण बदल गये हैं.

अब नहीं होगा आजसू का प्रेशर
सदन के अंदर अब भाजपा को अकेले बहुमत हासिल है. भाजपा को बहुमत के लिए आजसू की जरूरत नहीं है. ऐसे में सहयोगी आजसू का प्रेशर सरकार में नहीं होगा. आजसू पार्टी अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई दबाव भी नहीं बना पायेगी. फिलहाल आजसू कोटे से चंद्र प्रकाश चौधरी मंत्री बनाये गये हैं. बदले राजनीतिक हालात के बीच मंत्रिमंडल में आजसू का कोटा बढ़ने का आसार नहीं है. आजसू के विधायकों को बोर्ड-निगम पर संतोष करना पड़ सकता है.
मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता खुला
झाविमो विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता खुल गया है. पिछले 40 दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार रुका हुआ था. झाविमो के बागी विधायकों के फैसले का भाजपा इंतजार कर रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा में शामिल होनेवाले सभी विधायक अभी भी दिल्ली में कैंप किये हुए हैं. ये विधायक दिल्ली में 15 फरवरी को आयोजित अमित शाह के बेटे के वैवाहिक भोज में शामिल होने के बाद वापस लौटेंगे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास भी जायेंगे. इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. झाविमो के बागी विधायकों में से किसी एक को मंत्री बनाने की चर्चा है.

15 के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार संभव
राज्य सरकार 15 फरवरी के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. सरकार के गठन के बाद से ही पहले दिल्ली के चुनाव और झाविमो के भाजपा में विलय की संभावना के मद्देनजर मंत्रिमंडल विस्तार को टाला जा रहा था. अब झाविमो के छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये हैं. इसके साथ ही भाजपा के कुल विधायकों की संख्या 44 हो गयी है. इनमें एक मनोनीत विधायक भी शामिल हैं. वहीं सहयोगी आजसू के भी पांच विधायक हैं. सूत्रों ने बताया कि 15 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की रिसेप्शन पार्टी है. इसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत भाजपा के तमाम आला नेता भी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री वहीं जाकर मंत्रियों के नाम पर सहमति ले सकते हैं. इसके बाद 16 से 20 फरवरी के बीच किसी भी दिन मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
आजसू को एक ही बर्थ से संतोष करना पड़ेगा
जबतक झाविमो के विधायक शामिल नहीं हुए थे, तबतक मंत्रिमंडल में एक और बर्थ के लिए आजसू का दबाव था. तब चर्चा थी कि कमल किशोर भगत को जगह मिल सकती है. भाजपा सूत्रों की मानें तो अब आजसू को एक ही बर्थ से संतोष करना पड़ेगा. कारण है कि झाविमो से आये छह विधायकों में से किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.
कई नामों की है चर्चा: चर्चा है कि भाजपा में शामिल हुए नवीन जायसवाल को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. वहीं भाजपा के सरयू राय, राज पालिवार, राधाकृष्ण किशोर, अनंत ओझा, विरंची नारायण के नाम की भी चर्चा है. कोडरमा की विधायक डॉ नीरा यादव भी दावेदारों में शामिल हैं. यह भी चर्चा है कि झाविमो से भाजपा में शामिल हुए जानकी यादव को भी मौका मिल सकता है. केंद्रीय नेतृत्व के दिशा-निर्देश के बाद ही किसी भी मंत्री का नाम पक्का होगा.

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