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प्रस्तावित तबादला नीति से नाराजगी
रांची : पुलिस मुख्यालय ने कनीय पदाधिकारियों के तबादले के लिए जो तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार किया है, उससे एसटीएफ के पदाधिकारियों में नाराजगी है. पदाधिकारियों की नाराजगी की वजह यह है कि एसटीएफ को संताल परगना के जिले के साथ वाले श्रेणी में रखा गया है. श्रेणी ए में लातेहार, चतरा, गुमला, सिमडेगा, […]
रांची : पुलिस मुख्यालय ने कनीय पदाधिकारियों के तबादले के लिए जो तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार किया है, उससे एसटीएफ के पदाधिकारियों में नाराजगी है. पदाधिकारियों की नाराजगी की वजह यह है कि एसटीएफ को संताल परगना के जिले के साथ वाले श्रेणी में रखा गया है.
श्रेणी ए में लातेहार, चतरा, गुमला, सिमडेगा, पलामू, गढ़वा जैसे नक्सल प्रभावित जिलों को रखा गया है. बी श्रेणी में जमशेदपुर, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, धनबाद जैसे जिले को रखा गया है, जबकि तीसरी श्रेणी में संताल परगना के जिलों को. एसटीएफ के पदाधिकारियों का कहना है कि जिस तरह नक्सल प्रभावित जिलों के पदाधिकारी हमेशा नक्सलियों से लड़ते रहते हैं, उसी तरफ एसटीएफ के पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी हमेशा नक्सल प्रभावित दुरुह इलाके में ही होती है.
इसलिए नक्सल प्रभावित जिलों के श्रेणी में ही एसटीएफ को भी रखा जाये. एसटीएफ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार को भी दी है. जिसके बाद सुनील कुमार ने कहा है कि एसोसिएशन एसटीएफ के पदाधिकारियों की बात से सहमत हैं. उन्होंने पुलिस मुख्यालय से मांग की है कि प्रस्तावित तबादला नीति में संसोधन कर एसटीएफ को भी उसी श्रेणी में रखा जाये, जिस श्रेणी में नक्सल प्रभावित जिलों को रखा गया है.
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