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55 किलोमीटर तक की गंगा तलहटी को किया जायेगा साफ
– साहेबगंज और राजमहल में बनेगा सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट – नेशनल गंगा रिवर बेसिन प्रोजेक्ट के तहत होगा काम रांची : झारखंड सरकार ने गंगा नदी की साफ-सफाई की शुरुआत कर दी है. राज्य सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग तथा नगर विकास विभाग ने इसके लिए अलग-अलग योजनाएं बनायी हैं. दोनों विभागों की योजना […]
– साहेबगंज और राजमहल में बनेगा सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट
– नेशनल गंगा रिवर बेसिन प्रोजेक्ट के तहत होगा काम
रांची : झारखंड सरकार ने गंगा नदी की साफ-सफाई की शुरुआत कर दी है. राज्य सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग तथा नगर विकास विभाग ने इसके लिए अलग-अलग योजनाएं बनायी हैं. दोनों विभागों की योजना में 150 करोड़ से अधिक खर्च होंगे. नगर विकास विभाग की ओर से साहेबगंज जिले में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को लेकर निविदा प्रकाशित की गयी है. नेशनल गंगा रिवर बेसिन प्रोजेक्ट के तहत कंपनियों से आवेदन मंगाया गया है.
जानकारी के अनुसार परियोजना के तहत उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी की साफ-सफाई की जायेगी. झारखंड में साहेबगंज और राजमहल में यह प्लांट बनाया जायेगा. साहेबगंज जिले में 55 किलोमीटर तक सिवरेज पाइपलाइन बिछायी जायेगी. जिले में 70 लाख गैलन क्षमता प्रति दिन क्षमता का सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जायेगा.
विश्व बैंक संपोषित इस योजना में राज्य को 100 करोड़ रुपये दिये गये हैं. यह सिवरेज नेटवर्क पूरी तरह अंडरग्राउंड रहेगा. सिवरेज नेटवर्क और पंपिंग स्टेशन भी साहेबगंज में स्थापित किया जायेगा. डिजाइन, बिल्ड, टेस्ट एंड कमीशनिंग आधार पर इस परियोजना को पूरा करना है. कंपनी को सिवरेज प्लांट का रख-रखाव भी दस वर्षो तक करना होगा. राजमहल में बननेवाले सिवरेज नेटवर्क को अब तक तकनीकी स्वीकृति नहीं मिली है.
पेयजल और स्वच्छता विभाग की 61 करोड़ की योजना
पेयजल और स्वच्छता विभाग ने साहेबगंज और राजमहल में गंगा नदी को कचरे से मुक्त करने की योजना बनायी है. गंगा एक्शन प्लान के तहत 61.86 करोड़ की योजना बनायी गयी है. साहेबगंज के 32 पंचायतों के 74 गांव इसमें लिये गये हैं.
इन गांवों की आबादी 1,99,916 है, जबकि 39,674 घर हैं. चार प्रखंडों में ये गांव अवस्थित हैं. विभाग की ओर से 35,850 नये शौचालय बनाये जायेंगे. इसके अलावा सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी किया जायेगा. सोलिड-लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की इकाइयां भी यहां बनायी जायेंगी. विभाग की ओर से बनाये जानेवाले शौचालयों में बायोडायजेस्टर लगाये जायेंगे. 31 मार्च 2016 तक यह कार्य पूरे कर लिये जायेंगे. फिलहाल जिले में 19 प्रतिशत घरों में ही शौचालय की सुविधा है. साहेबगंज जिले में 2181 कुआं है. इस क्षेत्र में 155 करोड़ रुपये की मेगा वाटर सप्लाई योजना भी क्रियान्वित की जा रही है.
नौ खदानों का जाता था गंदा पानी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अनुसार, साहेबगंज जिले में नौ खदानों व कंपनियों का गंदा पानी गंगा नदी में गिरता था. इसमें से झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से छह खदानों को मार्च 2010 में ही बंद कर दिये गये हैं. वहीं तीन खदानों के बारे में कहा गया है कि वह प्रदूषण नहीं फैला रही हैं. न्यायाधीकरण के अनुसार झारखंड में साहेबगंज से राजमहल तक गंगा नदी का फैलाव 35 किलोमीटर तक है.
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