रांची: कोकर चौक से बूटी मोड़ तक का सफर लोगों के लिए बहुत भयावह हो गया है. इस सड़क पर से गुजरना मौत के मुंह से निकलने के बराबर है. सड़क पर मौत के आठ गड्ढे हैं, जिससे आप बच कर निकल गये, तो भगवान की कृपा समङों. ये गड्ढे इतने खतरनाक हो गये हैं कि अगर इसमें दोपहिया वाहन चला जाये, तो बड़ा हादसा हो सकता है. गड्ढे बहुत गहरे हो गये हैं, जिसमें गिरने के बाद घायल होना तय है. रात में बड़े वाहनों की आवाजाही एवं मौत के इन गड्ढों के बीच तीन किमी के सफर में सही सलामत बचना बहुत मुश्किल हो जाता है.
हर 50 मीटर पर गड्ढा: कोकर चौक से बूटी मोड़ की तीन किमी की दूरी में हर 50 मीटर पर गड्ढे मिलते हैं. कोकर चौक से आगे बढ़ते ही गड्ढे मिलने लगते हैं. पहला गड्ढा कोकर चौक से 50 मीटर की दूरी पर ही है. इसके बाद पगला बाबा आश्रम के पहले भी बड़ा गड्ढ है. इसके 50 मीटर की दूरी पर फिर गड्ढा मिलता है. इसके बाद मदन ढाबा के पास भी गड्ढा है. इसकी थोड़ी दूरी पर ग्रांड ओकेजन के पास भी गड्ढा है. इसके बाद छोटे-बड़े कई गड्ढे बूटी मोड़ तक मिलते हैं.
जान जाते-जाते बची: घटना मंगलवार रात 10 बजे की है. कोकर चौक के पास से एक व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर बूटी मोड़ की ओर जा रहा था. इस दौरान ट्रकों के परिचालन से सड़क जाम थी. ट्रक से बचने के लिए बाइक सवार किनारे एक गड्ढे में जा गिरा. इस दौरान उसे काफी चोटें आयीं, पर वह ट्रक से बाल-बाल बच गया.
संवारने की जिम्मेदारी किसकी: सड़क की स्थिति ठीक करने की जिम्मेवारी रांची-महुलिया सड़क का निर्माण कर रही एजेंसी मधुकॉम की है. जब तक रांची-महुलिया की सड़क पूरी तरह नहीं बन जाती है, इसी एजेंसी को कांटाटोली होते हुए रामपुर तक की सड़क को दुरुस्त रखना है. पर एजेंसी ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से भी कोई खास पहल नहीं हो रही है.