रांची: रमजान माह का आखिरी अशरा मंगलवार से शुरू हो गया. इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती अनवर कासमी ने कहा कि इस अशरे में अधिक से अधिक वक्त इबादत में गुजारना चाहिए. कोई भी वक्त बेफिजूल खर्च नहीं करना चाहिए. मंगलवार की रात से ही लोग एतेकाफ के लिए मसजिदों में चले गये. ये लोग ईद का चांद नजर आने तक मसजिदों में रहेंगे और वहीं इबादत करेंगे.
इस आखिरी अशरे में रमजान माह के 21, 23, 25, 27 व 29 की रात शब–ए–कद्र की रात है. शब–ए–कद्र की 27 वीं रात यानी पांच अगस्त को तरावीह में कुरान पाक मुकम्मल हो जायेगा, लेकिन लोगों को चांद नजर आने के पूर्व तक तरावीह पढ़ते रहना चाहिए.
दो को आखिरी जुमे की नमाज संभव : दो अगस्त को संभवत: रमजान माह के आखिरी जुमे की नमाज होगी. आठ अगस्त को रमजान माह की 29वीं तारीख है. इस दिन चांद नजर आने की संभावना रहती है. इस दिन यदि चांद नजर आ गया, तो नौ अगस्त को ईद होगी, अन्यथा 10 अगस्त को ईद मनायी जायेगी. इधर, ईद को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गयी है.