सरकार को मिला अंतिम मौकामामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी कोमामला शिड्यूल एरिया निर्धारण कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को शिड्यूल एरिया निर्धारण को चुनौती देनेवाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका. जवाब देने के लिए और समय देने का आग्रह किया गया. खंडपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए सरकार को अंतिम मौका प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी को होगी. सरकार पहले भी कई बार समय ले चुकी है. पूर्व में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सरकार से पूछा था कि किस नियम व गाइड लाइन के आधार पर शिड्यूल एरिया का निर्धारण किया गया है. जमशेदपुर जिला में 27 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की आबादी है. वहां पर 73 प्रतिशत आबादी के राजनैतिक अधिकार को किस आधार पर स्थायी रूप से वंचित किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मो आशिक अहमद, उपेंद्र नाथ महतो व कर्नल लाल ज्योतिंद्र देव की ओर से अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने गैर अनुसूचित जनजाति के अधिकार का संरक्षण करने तथा शिड्यूल एरिया निर्धारण को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया है.
शिड्यूल एरिया मामले में सरकार नहीं दे सकी जवाब
सरकार को मिला अंतिम मौकामामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी कोमामला शिड्यूल एरिया निर्धारण कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को शिड्यूल एरिया निर्धारण को चुनौती देनेवाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं […]
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