रांची: पूर्व विधायकों को प्रति माह अधिकतम 50 हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा रेल, हवाई यात्रा और पेट्रोल डीजल मद में दो लाख रुपये सालाना दिये जायेंगे. राज्य में पूर्व विधायकों के पेंशन के लिए लागू नियम में इस बात का प्रावधान किया गया है. अगर पेंशन की अधिकतम सीमा समाप्त कर दी जाये तो हारे हुए विधायकों का पेंशन प्रति 70 हजार रुपये तक पहुंच सकता है. पर, सरकार ने 50 हजार की अधिकतम सीमा तय कर दी है.
राज्य में लागू नियम के तहत शपथ लेते ही विधायक 15 हजार रुपये प्रति माह की दर से पेंशन के हकदार हो जाते हैं. यानी अगर कोई विधायक शपथ लेने के बाद ही अपने पद से त्यागपत्र भी दे दे तो उन्हें 15 हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगा. इस निश्चित रकम के अलावा प्रति वर्ष पेंशन में प्रति वर्ष दो हजार रुपये की दर से वृद्धि का नियम है. अर्थात अगर कोई व्यक्ति 10 साल तक विधायक रहा हो तो उन्हें इतने वर्षो तक विधायक रहने के लिए दो हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से 20 हजार और तीन हजार रुपये चिकित्सा भत्ता उनके पेंशन में जुड़ेगा.
यानी राज्य में लागू इस नियम के तहत 10 वर्षो तक विधायक रहनेवालों को 38 हजार रुपये प्रति माह की दर से पेंशन मिलेगा. विधायकों के पेंशन के इस नियम से पांच बार विधायक रहनेवाले विधायकों को 68 रुपये तक पेंशन मिलता. अगर सरकार ने 50 हजार की अधिकतम सीमा तय नहीं की होती तो अरुण मंडल, नलिन सोरेन,राजेंद्र सिंह सहित अनेकों विधायकों को बतौर पेंशन 68 हजार रुपये मिलते. पर, अधिकतम सीमा निर्धारित होने की वजह से इन्हें भी 50 हजार रुपये प्रति माह से अधिक पेंशन नहीं मिलेगा. सरकार ने पेंशन के अलावा पूर्व विधायकों के लिए रेल, हवाई यात्रा और उनकी गाड़ियों में डीजल पेट्रोल की भी व्यवस्था कर रखी है. पूर्व विधायकों के लिए दो लाख रुपये सालाना कूपन की व्यवस्था है. पूर्व विधायक इस कूपन का इस्तेमाल रेल यात्रा, हवाई यात्रा और अपनी गाड़ी में डीजल-पेट्रोल भराने के लिए कर सकते हैं.