वित्त मंत्री ने की सामाजिक क्षेत्रों के संगठन के साथ बजट पूर्व चर्चाएजेंसियां, नयी दिल्लीसामाजिक क्षेत्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक बजट की मांग की है, जिसमें प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व बैठक में भाग लेते हुए सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने मांग की कि सरकार को वित्तीय आवंटन और योजना प्रक्रिया के बीच फासले को दूर करना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से शिक्षा क्षेत्र में लगातार आवंटन के मुकाबले खर्च कम होता रहा है.बैठक के बाद राइट टू एजूकेशन फोरम के एक प्रतिनिधि ने कहा कि बैठक में शिक्षा क्षेत्र में कोठारी समिति की सिफारिश और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आवंटन बढ़ाने पर जोर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा क्षेत्र के लिए जीडीपी का 6 प्रतिशत आवंटन की सिफारिश की गयी है. प्रतिनिधि ने कहा कि मौजूदा आवंटन जीडीपी के 3.4 प्रतिशत के ईद-गिर्द होता है, जो कि इसके अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क के मुकाबले काफी कम है. प्रतिनिधियों ने प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में भी आवंटन बढ़ाने पर जोर दिया.केबे समिति की सिफारिशों के अनुरूप प्राथमिक शिक्षा आवंटन एक प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि शिक्षा क्षेत्र के इस फासले को दूर किया जा सके. प्राथमिक शिक्षा आवंटन 73,807 करोड़ रुपये होना चाहिए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी भी करीब 60 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. इनमें से ज्यादातर वंचित तबके के हैं.
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सामाजिक संगठनों ने की शिक्षा बजट बढ़ाने की मांग
वित्त मंत्री ने की सामाजिक क्षेत्रों के संगठन के साथ बजट पूर्व चर्चाएजेंसियां, नयी दिल्लीसामाजिक क्षेत्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक बजट की मांग की है, जिसमें प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व बैठक में भाग लेते हुए सामाजिक क्षेत्र […]
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