रांची: नौजवान बेटे की स्मृति में कॉलेज की स्थापना कर व्यवसायी ज्ञान प्रकाश जालान ने एक मिसाल पेश की है. बेटे की मौत के तीन साल बाद रांची गुमला मार्ग स्थित कुदलुम में बीएड कालेज आदित्य प्रकाश जालान टीचर्स ट्रेनिंग कालेज खुलेगा. 19 जुलाई को इसका उदघाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत करेंगे.
बेटे के पैसे का उपयोग : ज्ञान प्रकाश जालान ने बताया कि छोटे बेटे आदित्य जालान की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के डेढ़ माह बाद उसका खाता हाथ में आया. बेटे के धन को सामाजिक कार्य में लगाने का निर्णय लिया. कुछ लोगों ने मंदिर, धर्मशाला या स्कूल खोलने की बात कही. फिर पता चला कि विद्या विकास समिति टीचर्स ट्रेनिंग कालेज खोलने की योजना बना रही है. सोचा की बेटे द्वारा जमा धनराशि का समाज निर्माण में उपयोग का इससे बेहतर माध्यम नहीं मिलेगा. श्री जालान ने कहा कि समाज में अच्छे शिक्षक हों तो पीढ़ियों तक इसका लाभ मिलता है. अच्छे शिक्षक नहीं है, इसलिए समाज में विघटन हो रहा है. इसे ध्यान में रखकर बीएड कॉलेज के लिए धनराशि देने का फैसला किया.
मां, दादी ने भी दिया सहयोग : अपने बेटे की शादी व बहू के लिए मां किरण, दादी व चाची ने भी कुछ पैसे इकट्ठे किये थे. बेटे के नाम पर कॉलेज बनाने की बात सुनकर उन लोगों ने भी सहयोग किया. परिवार के लिए यह बेहद भावुक फैसला था. कॉलेज बनने के बाद उन्हें अपने फैसले पर संतोष है.
कॉलेज में कोटा या लाभ नहीं लिया : श्री जालान ने कहा कि खुद से स्कूल, धर्मशाला या कॉलेज चलाते तो लाभ के बारे में विचार आ जाता. आदित्य प्रकाश जालान टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में परिवार ने न तो प्रशासनिक, न प्रबंधकीय और न ही आर्थिक लाभ लिया है. उन्हें न तो नामांकन में कोटा चाहिए और न ही कोई और लाभ. आगे जरूरत पड़ी तो संस्थान को और सहयोग करेंगे. भविष्य में एमएड कॉलेज भी खोलने की योजना है.
नियमों का पालन किया : कॉलेज के निर्माण में सरकार द्वारा तय सारे मानकों को पूरा किया गया. श्री जालान ने बताया कि यहां पूरे सिस्टम से पढ़ाई होगी. यहां नैतिक शिक्षा की भी पढ़ाई होगी. यहां की क्षमता 100 सीट की है. पूरा कैंपस वाइ-फाइ सुविधायुक्त होगा. इसके अलावा 15 कंप्यूटरों का लैब, दो क्लास रूम, 3400 किताबों वाले पुस्तकालय की सुविधा भी होगी.
कैंपस में हर तरह के पेड़ : कैंपस को हरा भरा रखने के लिए हर तरह के पेड़ लगाये गये हैं. इसमें पीपल, बरगद, आम, अमरूद, पपीता, बेल, पाम आदि के पेड़ शामिल हैं.