रांची: पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले के बाद स्कूल के साथ- साथ शहर के प्रमुख प्रतिष्ठानों व मॉल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. सार्वजनिक स्थल के साथ- साथ मॉल के आस- पास काफी भीड़- भाड़ होती है. लोग हमेशा आते- जाते रहते हैं. प्रभात खबर ने राजधानी के प्रमुख प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थल व मॉल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया.
सार्वजनिक स्थल या मॉल में सुरक्षा के इंतजाम तो हैं, लेकिन संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने को लेकर वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मी सतर्क नहीं दिखे. रांची रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर जाने वाले लोगों की जांच करने के लिए दो मेटल डिटेक्टर डोर हैं. डोर काम करता है, लेकिन वहां नजर रखने के लिए कोई रहता. जो सुरक्षाकर्मी हैं वे स्टेशन परिसर के अंदर रहते हैं. डंगराटोली स्थित पेंटालून मॉल में आने- जाने लोगों की मेडल डिटेक्टर से जांच की जाती है, लेकिन सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षित नहीं है. बिग बाजार में आने- जाने वालों की जांच सतर्कता की जाती है. लेकिन यहां के भी सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षित नहीं है. मेन रोड स्थित ग्लीज मॉल के अंदर जानेवाले की जांच बाहर खड़े दो सुरक्षाकर्मी करते हैं. लेकिन मॉल के अंदर कार या बाइक में कौन क्या लेकर जा रहा है. इसकी जांच नहीं की जाती है.
खादगढ़ा बस स्टैंड परिसर में एक टीओपी है. लेकिन वहां पर तैनात पुलिस कर्मी किसी घटना के होने पर ही बाहर निकले हैं. इसी तरह से अन्य सार्वजनिक स्थान और प्रमुख स्थानों की सुरक्षा में जो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, वे पूरी तरह से सतर्क नहीं है. राजधानी के विभिन्न चौक- चौरहों पर संदिग्ध की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने थे. लेकिन यह काम भी अभी तक नहीं हो सका है.
नहीं लगाये जा सके सीसीटीवी कैमरे : राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्र में पड़ने वाले प्रमुख चौक- चौराहों पर संदिग्ध की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने थे. इसके लिए प्रमुख चौक- चौराहों को चिह्न्ति भी कर लिया गया था. लेकिन सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका. जब रांची के एसएसपी साकेत कुमार थे, तब सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. लेकिन इस पर सरकार के स्तर से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.