चरमपंथियों के खिलाफ ईरान में जुटे 80 देशों के मुसलिम धर्म गुरु कौम. ईरान के पवित्र धार्मिक नगरी कौम में चरमपंथी संगठन इसलामिक स्टेट जैसे संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए 80 देशों के शिया और सुन्नी नेता एकत्र हुए हैं. इसलामिक स्टेट दुनिया में शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है. आइएस ने सीरिया और इराक के एक बड़े भूभाग पर कब्जा कर चुका है.कार्यक्रम के मुख्य आयोजक अयतुल्ला नसीर मकराम शिराजी ने कहा है कि इसलाम के दो मुख्य धाराओं में चरमपंथ के खिलाफ सहमति बन चुकी है. सभी मुसलिम धर्मगुरु चरमपंथ अपनानेवालों की मुखालफत करेंगे. शिराजी ईरान के मुख्य धर्म गुरु हैं. ि जनके ईरान और विदेशों में बड़ी संख्या में समर्थक और श्रद्धालु हैं.कोट:”आइएस के खिलाफ सैन्य हमला जरूरी है. लेकिन यह उसे पूरी तरह से मिटाने के लिए अपर्याप्त है. इसकी हिंसक विचारधारा पर प्रहार करना जरूरी है. यह काम है मुसलिम धर्मगुरुओं का. जो सच्चाई से सबको अवगत करायें. इसलाम का असली और सच्चा चेहरा पेश करें और आइएस का बदसूरत चेहरा बेनकाब करें.अयतुल्ला नसीर मकराम शिराजी”आइएस आज इसलाम के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है. आइएस ने इसलाम धर्म का अवमूल्यन करके मुसलिम समाज को तबाह कर रहा है. आइएस ने शिया और सुन्नी दोनों का कत्ल किया है.इब्राहिम अल जाफरी, विदेश मंत्री, इराक
कौम में जुटे 80 मुल्कों के धर्मगुरु
चरमपंथियों के खिलाफ ईरान में जुटे 80 देशों के मुसलिम धर्म गुरु कौम. ईरान के पवित्र धार्मिक नगरी कौम में चरमपंथी संगठन इसलामिक स्टेट जैसे संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए 80 देशों के शिया और सुन्नी नेता एकत्र हुए हैं. इसलामिक स्टेट दुनिया में शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है. […]
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