रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में शुक्रवार को आवास बोर्ड के ज्वाइंट वेंचर रद्द करने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देनेवाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
सुनवाई के बाद अदालत ने ज्वाइंट वेंचर में हुए निर्माणों की जांच के लिए राज्य सरकार को उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का निर्देश दिया. कहा कि समिति में मुख्य सचिव, वित्त सचिव व आवास विभाग के सचिव को शामिल किया जाये. उक्त समिति चार माह के अंदर मामले की जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
रिपोर्ट पर राज्य सरकार निर्णय लेगी. अदालत ने सुनवाई के बाद प्रार्थी एक्सेल वेंचर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, नवनिर्माण बिल्डर्स, कुणाल आनंद, नीरज कुमार भट्टाचार्य की ओर से दायर याचिका को सशर्त स्वीकृत करते हुए कहा कि यह आदेश जिस भूखंड पर निर्माण कार्य हुआ है, वैसे मामलों में लागू होगा.
इनके मामले में जांच समिति की रिपोर्ट पर राज्य सरकार निर्णय लेगी. एक्सेल वेंचर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने हरमू में तथा नव निर्माण बिल्डर्स ने जमशेदपुर में निर्माण कार्य किया है. ज्वाइंट वेंचर रद्द करने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखते हुए शेष 18 याचिकाओं (जिनके भूखंड पर निर्माण कार्य नहीं हुआ है) को खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान प्रतिवादी झारखंड राज्य आवास बोर्ड की ओर से अधिवक्ता सचिन ने पक्ष रखा.
ज्वाइंट वेंचर प्रस्ताव रद्द करने के आदेश को दी गयी थी चुनौती
प्रार्थी एक्सेल वेंचर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, नव निर्माण बिल्डर्स, कुणाल आनंद, नीरज कुमार भट्टाचार्य व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर आवास बोर्ड ज्वाइंट वेंचर प्रस्ताव को रद्द करने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गयी थी. राज्य सरकार ने आवास बोर्ड व बिल्डरों के बीच हुए ज्वाइंट वेंचर प्रस्ताव को 28.7.2011 को रद्द कर दिया था. कोर्ट ने आठ अगस्त 2011 को मामले में सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था.