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बाल मृत्युदर कम करने के लिए आठ उपाय जरूरी : जॉब जकारिया

आज से शुरू होगा शिशु देखभाल सप्ताहवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में बाल मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्यों को लेकर नवजात शिशु देखभाल सप्ताह शुरू हो रहा है. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि परिवार में किसी भी शिशु की मौत एक बड़ी […]

आज से शुरू होगा शिशु देखभाल सप्ताहवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड में बाल मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्यों को लेकर नवजात शिशु देखभाल सप्ताह शुरू हो रहा है. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि परिवार में किसी भी शिशु की मौत एक बड़ी त्रासदी है. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से पूरे राज्य में नवजात शिशु देखभाल सप्ताह शुरू हो रहा है. नवजात बच्चों को मौत से बचाने के लिए आठ उपाय बताये गये हैं. इसमें अस्पताल में प्रसव सुनिश्चित कराना, गर्भवती महिलाओं को एनिमिया से बचाने के लिए आयरन की 100 गोली खिलाना, समय पूर्व जन्मे बच्चों की अस्पताल के नियो नैटल केयर में विशेष देखभाल करना, जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने और छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना जरूरी है. उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से भी इस दिशा में कार्य करने की अपील की. उन्होंने कहा कि झारखंड में तीस हजार एनजीओ हैं, जिसके चार लाख सदस्य हैं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्रा ने कहा कि माता-पिता को बच्चे के जन्म पर कई सावधानियां बरतनी चाहिए. बच्चे को जन्म के सात दिनों तक नहीं नहलाना चाहिए. नहलाने की जगह बच्चों के शरीर को मुलायम कपड़े से पोंछना चाहिए. बच्चे के शरीर के तापमान को बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि उसके माता-पिता अपने बच्चों को सीने से चिपका कर रखें. उन्होंने कहा कि समय पूर्व 35 प्रतिशत बच्चों का जन्म होता है. 20 फीसदी बच्चे जन्म के बाद एसफिक्सिया (सांस न लेने की बीमारी) के शिकार हो जाते हैं. 15 प्रतिशत को इंफेक्शन और 16 प्रतिशत को न्यूमोनिया हो जाता है. कार्यक्रम में यूनिसेफ की हेल्थ विशेषज्ञ डॉ मधुलिका जोनाथन, आइइसी सेल के डॉ हेंब्रगम, चाइल्ड डेथ रीव्यू की डॉ दीपाली, डॉ अशरण, सोनाली मुखर्जी समेत अन्य उपस्थित थे.

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