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मनोहरपुर विधानसभा सीट पर होगा रोचक मुकाबला

फोटो सिटी फोल्डर में गुरुचरण नायक के नाम से हैशीन अनवर, मनोहरपुरमनोहरपुर विधानसभा सीट पर झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबले की उम्मीद है. ईसाई मतदाताओं की वजह से यह सीट अधिक दिलचस्प बन गया है. पिछले लोकसभा चुनाव में ईसाई मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान किया था. कांग्रेस ने […]

फोटो सिटी फोल्डर में गुरुचरण नायक के नाम से हैशीन अनवर, मनोहरपुरमनोहरपुर विधानसभा सीट पर झामुमो, भाजपा और कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबले की उम्मीद है. ईसाई मतदाताओं की वजह से यह सीट अधिक दिलचस्प बन गया है. पिछले लोकसभा चुनाव में ईसाई मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान किया था. कांग्रेस ने सुभाष नाग को टिकट देकर इसे महत्वपूर्ण बना दिया है. भाजपा ने गुरुचरण नायक (वर्तमान विधायक) को ही पार्टी का प्रत्याशी बनाया है. कई चुनावों में हार के बार गुरुचरण नायक ने जोबा मांझी को पराजित कर इस सीट पर कब्जा किया था. जोबा मांझी ने पिछला चुनाव झाविमो की टिकट पर लड़ा था. अब उन्होंने झारखंड मुक्ति मोरचा की सदस्यता ग्रहण कर ली है. झामुमो ने श्रीमती मांझी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. जिस वक्त जोबा मांझी झामुमो में शामिल हुई थीं, उस समय राज्य में कांग्रेस समर्थित झामुमो की सरकार थी. फिलहाल कांग्रेस समर्थित सरकार ही चल रही है. चुनाव में कांग्रेस और झामुमो के बीच किसी तरह का प्री पोल एलायंस नहीं हो पाया है. इसकी वजह से राजनीतिक हल्कों में श्रीमती मांझी को कुछ नुकसान होने की संभावनाएं जतायी जा रही है. जोबा को टिकट दिये जाने के बाद झामुमो के बिरसा मुंडा ने बाहरी-भीतरी का सवाल खड़ा कर पार्टी नेतृत्व को उलझन में डाल दिया है. पार्टी के कई नेताओं ने बिरसा मुंडा को समझाने की नाकाम कोशिश भी की. अब चुनावी समर में बिरसा मुंडा ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है. बिरसा ने झामुमो के रवैये से खिन्न होकर झामुमो और जिला अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. मनोहरपुर में ईसाई मतदाताओं की संख्या अधिकविधानसभा सीट में ईसाई मतदाताओं की संख्या अधिक है. मिशनरीज वोटरों की ओर से ही किसी भी प्रत्याशी के जीत-हार का फासला तय होता है. पिछले लोकसभा चुनाव में मनोहरपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी चित्रसेन सिंकू को ईसाई मतदाताओं ने सबसे अधिक वोट दिये थे. कांग्रेस के लिए इसे बेहतर संकेत माना जा रहा है, जो झामुमो के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. कांग्रेस के प्रत्याशी सुभाष नाग खुद ईसाई समुदाय से आते हैं. उनके पिता अरुण नाग मुखिया हैं और 40 वर्षों तक कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता भी रहे हैं. वे कभी भी विधायक नहीं बन पाये. पार्टी के प्रति वफादारी की वजह से ही उनके बेटे को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. ईसाई मतदाताओं की संख्या अधिक रहने से भाजपा भी इसे गंभीरता से ले रही है.

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