रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए 17 वर्षीय पूजा राधा सिंह को अविलंब छोड़ने का आदेश राज्य सरकार को दिया. साथ ही झालसा को निर्देश दिया गया कि वह लड़की को तत्काल अपने संरक्षण में ले.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस जया राय की खंडपीठ में हुई. अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने यह मामला उठाया. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि पूजा राधा सिंह के साथ-साथ महिला सेवा समिति पश्चिम बंगाल की दो सदस्यों को अकारण धनबाद जिले के धनसार थाने में हिरासत में रखा गया है.
क्या है मामला
पूजा नौ वर्ष पूर्व हावड़ा स्टेशन से लापता हो गयी थी. आरपीएफ हावड़ा ने उसे बरामद कर महिला संरक्षण सेंटर (लिलुआ) को सौंप दिया. यहां से उसे ऑल बंगाल वीमेंस यूनियन तपोवन जलपाईगुड़ी भेजा गया. बाद में पूजा वहां से भाग गयी.
स्वयंसेवी संस्था सिन्नी आशा ने पूजा को रेस्क्यू किया. उसे सोशल वेलफेयर बोर्ड बंगाल ने संरक्षण दिया. फिर उसे महिला सेवा समिति को सौंप दिया गया. समिति की अध्यक्षा है सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जस्टिस रूमा पॉल. पूजा ने बताया कि वह धनबाद के जोड़ा फाटक की रहनेवाली है. जस्टिस पॉल ने उसे दो सदस्यों के साथ धनबाद भेजा था. पूजा अपने माता-पिता से मिली, लेकिन वह उनके साथ रहना नहीं चाहती थी. वह वापस लौटना चाहती थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया.