नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने न्यासियों से सरकारी प्रतिभूतियों खास कर राज्य विकास कर्ज (एसडीएल) में और निवेश करने की मंजूरी मांगी है, क्योंकि ये कॉरपोरेट बांड के मुकाबले अधिक रिटर्न की पेशकश करते हैं. केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 26 अगस्त को होनेवाली बैठक के एजेंडे के अनुसार, इपीएफओ सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश सीमा कुल कोष का मौजूदा 55 प्रतिशत से बढ़ा कर 70 प्रतिशत करने के लिए संशोधन चाह रहा है. इस साल मई में इपीएफओ ने श्रम मंत्रालय को पत्र लिख कर कहा था कि पिछले छह महीनों में यह देखा गया है कि सरकारी बांड खास कर एसडीएल ने कॉरपोरेट बांड के मामले में बेहतर रिटर्न की पेशकश की है, जबकि इसमें सुरक्षा को लेकर भी चिंता नहीं है.
इपीएफओ ने निवेश सीमा बढ़ाने की मांगी मंजूरी
नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने न्यासियों से सरकारी प्रतिभूतियों खास कर राज्य विकास कर्ज (एसडीएल) में और निवेश करने की मंजूरी मांगी है, क्योंकि ये कॉरपोरेट बांड के मुकाबले अधिक रिटर्न की पेशकश करते हैं. केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 26 अगस्त को होनेवाली बैठक के एजेंडे के अनुसार, इपीएफओ सरकारी […]
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