30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इंसुलिन बेहतर उपाय: डॉ संजय

तसवीर राज वर्मा की -हर चौथा व्यक्ति प्रारंभिक डायबिटीज से ग्रस्त- इंसुलिन को लेकर लोगों को सही जानकारी उपलब्ध करायें डॉक्टर रांची. बिहार व झारखंड में हर चौथा व्यक्ति प्रारंभिक डायबिटीज से ग्रस्त है, जबकि हर 10वें व्यक्ति को डायबिटीज है. डायबिटीज को रोकना सरल है, यदि इसका सही तरीके से उपचार प्रारंभिक चरण में […]

तसवीर राज वर्मा की -हर चौथा व्यक्ति प्रारंभिक डायबिटीज से ग्रस्त- इंसुलिन को लेकर लोगों को सही जानकारी उपलब्ध करायें डॉक्टर रांची. बिहार व झारखंड में हर चौथा व्यक्ति प्रारंभिक डायबिटीज से ग्रस्त है, जबकि हर 10वें व्यक्ति को डायबिटीज है. डायबिटीज को रोकना सरल है, यदि इसका सही तरीके से उपचार प्रारंभिक चरण में ही किया जाये. खान-पान व व्यायाम के साथ चिकित्सकीय उपचार रोग के प्रारंभिक चरण में शुरू करने पर मरीजों को इंसूलिन से छुटकारा मिल सकता है. उक्त बातें ईएसआइएस झारखंड के डाइरेक्टर इंचार्ज डॉ संजय कुमार ने कही. वह बीमा योजना पदाधिकारियों के लिए श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग कर्मचारी राज्य बीमा योजना द्वारा बीएनआर चाणक्या में आयोजित एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि डायबिटिज के मरीजों में इंसूलिन को नियंत्रित करने के लिए मॉनिटरिंग जरूरी है.डॉ संजय ने उपस्थित चिकित्सकों को कहा कि वे डायबिटिज के मरीजों को इंसुलिन लेने की सलाह देने से भागे नहीं. उन्होंने बताया कि डायबिटीज के प्रारंभिक चरण में यदि मरीज में सुगर की मात्रा 250 तथा भोजन के बाद सुगर 300 से अधिक हो, तो उसे इंसुलिन लेने की सलाह दी जानी चाहिए. कार्यशाला की शुरुआत श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव डॉ़ राहुल शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने उपस्थित डॉक्टरों से कहा कि आज की चिकित्सा पद्धति में बहुत बदलाव आया है. इसलिए डॉक्टरों को हमेशा अपडेट रहना चाहिए. इस कार्यशाला से ईएसआइएस के डॉक्टर लाभान्वित होंगे व अपने अनुभव से मरीजों को बेहतर सेवा दे पाने में सक्षम होंगे.कार्यशाला के प्रथम सत्र में इंसुलिन थेरेपी इन क्लिनिकल प्रैक्टिस : फंडामेंटल प्रिंसिपल्स विषय पर एफआरसीपी के प्रबंध निदेशक डॉ़ अजय कुमार ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिये डॉक्टरों को डायबिटीज के मरीजों का इलाज करने के नये तकनीक व नयी पद्धतियों से अवगत कराया. टीएमएच के डॉ सुनील कुमार ने दूसरे सत्र में डॉक्टरों को शल्य चिकित्सा की नयी पद्धतियों से अवगत कराया. डॉ अजय कुमार ने भोजनावकाश के बाद ओरल एंटीबायटिक दवाओं से यूग्लीसिमिया के लक्ष्य पर विजय प्राप्त करने का प्रशिक्षण उपस्थित डॉक्टरों को दिया. प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा प्रश्नों का जवाब देकर उपस्थित डॉक्टरों को संतुष्ट किया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें