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निजी कालेजों में 50 प्रतिशत से अधिक सीटें रह जाती हैं खाली

काउंसेलिंग-2सरकार ने कर दी है पेड सीट की व्यवस्थावरीय संवाददाता, रांचीझारखंड के तकनीकी कॉलेजों, संस्थानों में दाखिले की समस्या को पेमेंट सीट के आधार पर कम किया जा रहा है. सरकार की ओर से पेमेंट सीट और प्रबंधन कोटे के तहत एडमिशन लेने की सुविधा प्रदान करने की वजह से निजी तकनीकी संस्थानों की अधिकतर […]

काउंसेलिंग-2सरकार ने कर दी है पेड सीट की व्यवस्थावरीय संवाददाता, रांचीझारखंड के तकनीकी कॉलेजों, संस्थानों में दाखिले की समस्या को पेमेंट सीट के आधार पर कम किया जा रहा है. सरकार की ओर से पेमेंट सीट और प्रबंधन कोटे के तहत एडमिशन लेने की सुविधा प्रदान करने की वजह से निजी तकनीकी संस्थानों की अधिकतर सीटें भरी जाती हैं. सूत्र बताते हैं कि काउंसलिंग की प्रक्रिया में निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें खाली रह जाती हैं. सरकारी कॉलेजों में बीआइटी सिंदरी को ही स्टूडेंट अधिक प्राथमिकता देते हैं. पर्षद कार्यालय के वर्षों से जमे प्रतिनियुक्त अधिकारियों की मिलीभगत से भी कुछ चयनित संस्थानों की सीटें ही भर पाती हैं. जानकारी के अनुसार विज्ञान प्रावैधिकी विभाग की ओर से इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक संस्थानों में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद को रिक्वेस्ट लेटर भेजा जाता है. यहीं से सीटों की उपलब्धता का ब्योरा भी पर्षद को भेजा जाता है. इसी आधार पर पर्षद कार्यालय की ओर से इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों में दाखिले को लेकर मेधा सूची तय कर दो चरणों में काउंसेलिंग की प्रक्रिया पूरी की जाती है. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग की ओर से ही 10-15 की संख्या में प्रोफेसरों की प्रतिनियुक्ति काउंसलिंग के लिए की जाती है. काउंसलिंग को लेकर सफल अभ्यर्थियों (मेधा सूची के अनुरूप) को बार-बार बुलाया जाता है. पर्षद से सिर्फ एडमिशन ऑर्डर होता है जारीउल्लेखनीय है कि पर्षद कार्यालय सिर्फ काउंसलिंग कर उपलब्ध सीटों पर नामांकन लेने के लिए संस्थानों को सूचित करता है. इसके लिए एडमिशन ऑर्डर भी स्टूडेंट्स को जारी किये जाते हैं. सरकारी कॉलेजों में से बीआइटी सिंदरी, यूसेट हजारीबाग, टेक्नो इंडिया द्वारा संचालित राजकीय अभियंत्रण कॉलेज दुमका, रामगढ़ और चाईबासा समेत निजी कॉलेजों में आरवीएस कॉलेज आफ इंजीनियरिंग जमशेदपुर, सीआइटी रांची समेत कुछ गिने चुने इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक में रांची, खुटरी और खनन महाविद्यालय भागा तथा निजी संस्थानों में अल कबीर पॉलिटेक्निक जमशेदपुर और कुछ अन्य में छात्र एडमिशन के लिए दिलचस्पी दिखलाते हैं. अन्य संस्थानों में छात्र काउंसलिंग के दौरान विकल्प भी चयन नहीं करते हैं. इन संस्थानों में कितनी सीटें भरती हैं अथवा कितनी सीटें खाली रहती हैं, इसका रिपोर्ट स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एसबीटीइ) को देना पड़ता है. यह रिपोर्ट समय पर एसबीटीइ की ओर से सरकार को नहीं दी जाती. संस्थानों की ओर से भी समय पर खाली सीटों का ब्योरा सरकार को नहीं दिया जाता है.

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