हाल आंगनबाड़ी केंद्रों काहैदरनगर(पलामू). बाल विकास विभाग के निर्देश के आलोक में हुसैनाबाद अनुमंडल के सभी बाल विकास परियोजना के 330 आंगनबाड़ी केंद्रों को खुले बाजार से पोषाहार की खरीद पर रोक लगा दी गयी है. सरकार अब पैकेट बंद सूखा व्यंजन आंगनबाड़ी केंद्रों को सीधे उपलब्ध करायेगी. इस आदेश के आलोक में ही सभी सीडीपीओ ने अपने अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं को एक जुलाई से पोषाहार की खरीद नहीं करने का आदेश दे दिया है. सेविकाएं किसी प्रकार तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को सुबह का नाश्ता व खिचड़ी दे रही है. मगर केंद्र पर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं व छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को मिलने वाला सूखा राशन नहीं मिल रहा है. इससे अनुमंडल में 5680 गर्भवती-धात्री के अलावा 15515 हजार बच्चे प्रभावित हैं. राशन नहीं देने को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रति बढ़ रहा है. कुछ सीडीपीओ ने आंगनबाड़ी सेविकाओं से कहा था कि 15 जुलाई तक उन्हें पैकेट बंद व्यंजन उपलब्ध करा दिये जायेंगे. मगर अब तक किसी परियोजना में यह सामान उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. सरकार की इस व्यवस्था से लाभुकों को कितना लाभ या नुकसान होगा यह तो सामने आयेगा ही, फिल्हाल उन गरीब गर्भवती धात्री महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक आहार से वंचित ही रहना होगा. इस संबंध में सीडीपीओ से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि सामग्री आने पर ही वह कुछ बता पायेंगी. फिल्हाल सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय की अवहेलना हो रही है, जिसमें कहा गया है कि लोगों को मिलने वाले पोषाहार में किसी भी कीमत पर टूट नहीं होनी चाहिए. वहीं दूसरे आदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की माता समितियों को पूरी आजादी दी गयी थी कि वह अपने नजदीकी दुकानदार से ही सामग्रियों की खरीद करें. फिल्हाल सरकार के पैकेट बंद सामग्री आपूर्ति की इस व्यवस्था से आंगनबाड़ी केंद्रों का अस्तित्व ही समाप्त होता दिखाई देने लगा है.
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पौष्टिक आहार से वंचित हैं 15515 बच्चे
हाल आंगनबाड़ी केंद्रों काहैदरनगर(पलामू). बाल विकास विभाग के निर्देश के आलोक में हुसैनाबाद अनुमंडल के सभी बाल विकास परियोजना के 330 आंगनबाड़ी केंद्रों को खुले बाजार से पोषाहार की खरीद पर रोक लगा दी गयी है. सरकार अब पैकेट बंद सूखा व्यंजन आंगनबाड़ी केंद्रों को सीधे उपलब्ध करायेगी. इस आदेश के आलोक में ही सभी […]
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