मनुष्य के व्यक्तित्व में उसके तर्क-वितर्क करने व निर्णय लेने की क्षमता का काफी महत्व होता है. किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा चाहे वह यूपीएससी, जेपीएससी, नेट, बैंकिंग, एसएससी, रेलवे, सीडीएस, एनडीए हो या एमबीए के लिए प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थी के इन गुणों की जांच अवश्य की जाती है. इन गुणों को रिजनिंग टेस्ट, मेंटल एबिलिटी टेस्ट या आइक्यू़ टेस्ट आदि नामों से जाना जाता है. किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में रिजनिंग का क्या महत्व है, बता रहे हैं यूनिवर्सल कैरियर सेंटर के निदेशक अविनाश कुमार. क्या होती है रिजनिंगरिजनिंग को किसी एक शब्द या एक वाक्य में परिभाषित नहीं किया जा सकता है. फिर भी सरल शब्दों में यह कहा जा सकता है कि किसी व्यक्ति के अंदर घटनाओं, वस्तु-स्थिति, तथ्यों, सूचनाओं, मानवीय क्रि या-कलापों इत्यादि के संबंध में बनायी स्वयं की राय कायम करने, निर्णय लेने, दृष्टिकोण रखने, प्रतिक्रि या एवं उत्तर देने की क्षमता ही रिजनिंग स्किल है. इन्हें बहुत सारे कारक प्रभावित करते हैं. जैसे एकाग्रता, सही क्रिया कलाप, विश्लेषण की क्षमता, आत्मविश्वास, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, सामाजिक समझ व अनुभव आदि.कैसे होती है रिजनिंग स्किल की जांचवैसे तो इस क्षमता का सटीक मूल्यांकन करना एक अत्यंत कठिन कार्य है. फिर भी प्रतियोगिता परीक्षाओं कुछ प्रश्नों के माध्यम से यह क्षमता जांची जा सकती है. इस सेक्शन के तहत पूछे जानेवाले प्रश्नों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है.वर्बल (भाषिक) वर्बल रिजनिंग के अंतर्गत दो प्रकार के प्रश्न होते हैं. एक वो जिनसे अभ्यर्थी का अटेंशन (ध्यान), दिशा ज्ञान, भाषा ज्ञान, स्थिति की समझ, संबंधों की समझ, क्र मानुक्र म इत्यादि की जांच की जाती है. इसके लिए टॉपिक्स शामिल किये जाते हैं. दूसरे वैसे प्रश्न होते हैं जिनसे अभ्यर्थियों की एनालिटिकल क्षमता जांची जाती है, इसमें मुख्यत: सीरीज, एनालॉग, क्लासिफिकेशन, कोडिंग-डिकोडिंग, ब्लड रिलेशन, पजल टेस्ट, डाइरेक्शन सेंस टेस्ट, लॉजिकल वेन डाइग्राम, अल्फाबेट टेस्ट, लॉजिकल वर्ड सिक्वेंस, इलिजिबिलिटी टेस्ट जैसे टॉपिक्स आते है. नॉन वर्बल (अभाषिक)नॉन वर्बल के अंतर्गत चित्रों-आकृतियों इत्यादि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. जिसमें चित्रों -आकृतियों की बनावट, स्थिति परिवर्तन, इत्यादि के समझ की जांच होती है.कैसे करें तैयारीइसकी तैयारी दो प्रकार से करनी चाहिए. प्रत्यक्ष तरीके से इसके अंतर्गत, पिछली परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों का अभ्यास, समय प्रबंधन, प्रश्नों की प्रकृति को समझना इत्यादि कार्य करने होते हैं. अप्रत्यक्ष तरीके सेअप्रत्यक्ष तरीके से तैयारी का अर्थ हुआ कि अभ्यर्थी अपना सामान्य ज्ञान, सामाजिक समझ, आर्थिक-राजनीतिक मामलों में रुचि , विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण इत्यादि निखारता रहे. निश्चित रूप से यह एक समय-साध्य व वैज्ञानिक प्रक्रिया है. इन पुस्तकों का लें सहाराएनालिस्टिंग रिजनिंग- एमके पांडेयपै्रक्टिस बुक ऑन एनालिस्टिंग रिजनिंग- के कुंदनए मॉडर्न एप्रोच टू वर्बल रिजनिंग- आरएस अग्रवाल अरिहंत व बीएससी पब्लिकेशन की किताबेंपिछले वषार्ें में पूछे गये सवाल
प्रतियोगिता परीक्षा में रिजनिंग का महत्व समझें
मनुष्य के व्यक्तित्व में उसके तर्क-वितर्क करने व निर्णय लेने की क्षमता का काफी महत्व होता है. किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा चाहे वह यूपीएससी, जेपीएससी, नेट, बैंकिंग, एसएससी, रेलवे, सीडीएस, एनडीए हो या एमबीए के लिए प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थी के इन गुणों की जांच अवश्य की जाती है. इन गुणों को रिजनिंग टेस्ट, मेंटल […]
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