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आत्मा के विशेषज्ञ थे संत वियान्नी : कार्डिनल

फोटो सुनील – मसीहियों ने मनाया संत जॉन मेरी वियान्नी का पर्वसंवाददाता रांची कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि संत जॉन मेरी वियान्नी पास्तरीय सेवकाई में लगे सभी पुरोहितों के आदर्श हैं. बाइबल में लिखा है कि फसल तो बहुत है पर मजदूर थोड़े. इसलिए फसल के मालिक से विनती करो कि फसल काटने […]

फोटो सुनील – मसीहियों ने मनाया संत जॉन मेरी वियान्नी का पर्वसंवाददाता रांची कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि संत जॉन मेरी वियान्नी पास्तरीय सेवकाई में लगे सभी पुरोहितों के आदर्श हैं. बाइबल में लिखा है कि फसल तो बहुत है पर मजदूर थोड़े. इसलिए फसल के मालिक से विनती करो कि फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजें. प्रभु को हमारी मदद की आवश्यकता है. ईश्वर स्वयं सब कुछ कर सकते हैं, पर उन्होंने प्रेरितों की तरह हमें भी जिम्मेवारी सौंपी है. हमें सारी दुनिया को प्रभु के लिए जीतना है. वह सोमवार को संत मरिया महागिरजाघर में संत जॉन मेरी वियान्नी के पर्व के मौके पर संदेश दे रहे थे. मिस्सा समारोह में ऑग्जिलरी बिशप तेलेस्फोर बिलुंग, सोसाइटी ऑफ जीसस के प्रोविंसियल फादर मरियानुस कुजूर, फादर अजय लकड़ा, फादर विनोद बिलुंग उपस्थित थे.कार्डिनल ने कहा कि अपना कार्य सही तरीके से करने के लिए हमें निरंतर प्रार्थना करने की जरूरत है. संत वियान्नी ने हमें प्रार्थना का महत्व समझाया. ईश्वर ने उन्हें आत्मा का विशेषज्ञ बनाया था. सभी पल्ली पुरोहित व अन्य पुरोहित उनके पदचिह्नों पर चलें. संत वियान्नी आर्स नामक पल्ली के पल्ली पुरोहित बनाये गये थे. उन्होंने नशाखोरी, ईशनिंदा, अशोभनीय नाच गान, रविवार को भी सामान्य दिनों की तरह काम करने जैसी बातों के खिलाफ सघन अभियान चलाया. आठ वर्ष के अथक परिश्रम के बाद उस पल्ली में मसीही परिवारों का निर्माण होने लगा. उनकी प्रसिद्धि पाप मोचक के रूप में थी. आधी रात से देर शाम तक पाप स्वीकार सुनना उनकी दिनचर्या में शामिल था. उन्हें कलीसियाई और सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया. चार अगस्त 1859 को 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ. पोप पीयूष 10वें ने वर्ष 1905 में उन्हें धन्य घोषित किया. 1925 में पोप पीयूष 11वें ने उन्हें संत का दर्जा दिया. 1929 में वेटिकन की धर्मपीठ ने उन्हें पल्ली पुरोहितों का संरक्षक संत घोषित किया. शाम को एसडीसी सभागार में पुरोहितों का अभिनंदन किया गया. कार्डिनल बेंगलुरु गये कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो कांफ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स ऑफ इंडिया की एक्जीक्यूटिव कमेटी व कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के लिए सोमवार को बेंगलुरु रवाना हुए. वहां पांच से आठ अगस्त तक बैठक में शामिल होकर नौ अगस्त को रांची लौटेंगे.

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