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बच्चे को पीटा तो पांच साल की जेल!

जुवेनाइल जास्टस एक्ट में बदलाव करेगी सरकार, रैगिंग पर होगी तीन साल की सजा एजेंसियां, नयी दिल्लीबात-बेबात बच्चों की पिटाई करने या उन्हें डराने-धमकाने वाले अभिभावक और टीचर अगर अब तक नहीं चेत पाये हों, तो उन्हें अब सतर्कहो जाना चाहिए. अगर नया कानून बन जाता है, जो ऐसे जुर्म पर अधिकतम पांच साल तक […]

जुवेनाइल जास्टस एक्ट में बदलाव करेगी सरकार, रैगिंग पर होगी तीन साल की सजा एजेंसियां, नयी दिल्लीबात-बेबात बच्चों की पिटाई करने या उन्हें डराने-धमकाने वाले अभिभावक और टीचर अगर अब तक नहीं चेत पाये हों, तो उन्हें अब सतर्कहो जाना चाहिए. अगर नया कानून बन जाता है, जो ऐसे जुर्म पर अधिकतम पांच साल तक की जेल हो सकती है.कॉलेजों में रैगिंग तो पहले से ही क्र ाइम है. नया बदलाव यह होने जा रहा है कि अब रैगिंग करने पर अधिकतम तीन साल तक की जेल हो सकती है. अंगरेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में इस बारे में रिपोर्ट छपी है.दरअसल, केंद्र सरकार पुराने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव करने जा रही है. सरकार की कोशिश है कि इसे जल्द से जल्द पारित करवाया जाये. नया कानून लागू होने पर बच्चों के साथ-साथ कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी बहुत राहत मिलेगी. बच्चे की पिटाई करने वालों को पांच साल और रैगिंग करने वालों को तीन साल तक की सजा हो सकती है.बच्चों की पिटाई करने पर जेल का प्रस्ताव रखने के बारे में प्रारूप बिल के बारे में शुक्र वार को ही महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा को सूचित किया था. एक्ट के नये प्रावधानों के तहत शारीरिक दंड को अपराध माना गया है. अगर केंद्रीय कैबिनेट इस बिल को मंजूर लेती है, तो इसे जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है. अगर बिल संसद से पारित हो जाता है, तो भारत दुनिया के उन 40 देशों में शुमार हो जायेगा, जहां दैहिक सजा पर पूरी तरह प्रतिबंध है और इसे दंडनीय अपराध करार दिया गया है.

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